चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद के विजय नगर पुलिस थाने में शनिवार की सुबह कुछ असामान्य गतिविधियाँ चल रही थीं। दीवार पर टंगी घड़ी ने सुबह के करीब 11 बजे का समय दिखाया। इसी समय, एक व्यक्ति थाने में घुसता है। उसकी स्थिति चिंताजनक और परेशान नजर आ रही थी। इस व्यक्ति का नाम मोहम्मद आलम था। जब पुलिस ने उससे परेशानी का कारण पूछा, तो उसने बताया कि उसकी एक महिला मित्र, पूजा, पिछले दिन से लापता है और उसका फोन भी नहीं मिल रहा है। आलम ने बताया कि उसकी पत्नी का बेटा गाजियाबाद के मसूरी स्थित अस्पताल में भर्ती है, और पूजा शुक्रवार शाम को उसे देखने के लिए घर से निकली थी, इसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं है।
पुलिस ने आलम से पूजा की फोटो और अन्य जरूरी जानकारी नोट की और उसकी तलाश शुरू कर दी। पूजा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि विजय नगर थाने में एक महिला पहुंचती है। इस महिला का नाम पूनम था और वह अपनी लापता बहन को खोजने की गुहार लगा रही थी। जब पुलिस ने पूनम से उसकी बहन का नाम पूछा, तो जवाब सुनकर वे हैरान रह गए। पूनम की लापता बहन का नाम भी पूजा था, वही पूजा जिसका गुमशुदा होने की रिपोर्ट आलम ने एक दिन पहले दर्ज कराई थी।
इस स्थिति ने पुलिस को चौंका दिया। पूनम ने पुलिस को बताया कि पूजा को किसी और ने नहीं, बल्कि आलम ने ही गायब किया है। पूनम ने खुलासा किया कि उसकी बहन पूजा कई सालों से आलम के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी और आलम ने ही उसे गायब कर दिया था। पुलिस अधिकारियों के चेहरे पर कई सवाल उभर आए। अब पुलिस को समझ में नहीं आ रहा था कि असलियत क्या है और आलम ने पूजा को क्यों गायब किया।
पुलिस ने सबसे पहले पूजा के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर डाला। उसकी आखिरी लोकेशन गाजियाबाद के मसूरी इलाके में गंगनहर के पास मिली। जब आलम के मोबाइल नंबर की ट्रैकिंग की गई, तो पता चला कि आलम और पूजा के मोबाइल की लोकेशन मसूरी के अस्पताल से लेकर गंगनहर तक साथ-साथ थी। इससे पुलिस का शक आलम पर और गहरा हो गया और तुरंत उसकी तलाश में एक टीम भेजी गई। कुछ समय बाद आलम को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ के दौरान पूरी सच्चाई सामने आ गई। पूजा की हत्या खुद आलम ने की थी।
आलम की कहानी कुछ इस तरह थी: हापुड़ का रहने वाला मोहम्मद आलम एक कार मैकेनिक था। उसकी शादी सना नाम की महिला से हुई थी, और उनके चार बच्चे भी थे। करीब चार साल पहले, आलम की मुलाकात गाजियाबाद के विजय नगर इलाके की निवासी पूजा से हुई। पूजा पहले से ही शादीशुदा थी और अपने पति से अलग रह रही थी। आलम और पूजा के बीच दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया और दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। कुछ महीनों बाद, आलम ने पूजा के साथ निकाह भी कर लिया। आलम कुछ दिन सना के साथ हापुड़ में और कुछ दिन पूजा के साथ विजय नगर में रहता था।
शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे पूजा ने आलम पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि वह अपनी पहली पत्नी सना को छोड़ दे। आलम ने पूजा को समझाया कि उसके चार बच्चे हैं, इसलिए वह सना को नहीं छोड़ सकता, लेकिन पूजा नहीं मानी। अब आलम ने पूजा से छुटकारा पाने के बारे में सोचना शुरू कर दिया। शुक्रवार को, आलम का बेटा अस्पताल में भर्ती था, लेकिन पूजा बार-बार आलम से मिलने के लिए फोन कर रही थी। जब आलम ने उसे आने से इनकार कर दिया, तो पूजा खुद मसूरी पहुंच गई।
आलम ने पूजा को अस्पताल के बाहर से अपनी गाड़ी में बिठाया और बात करने के बहाने से गंगनहर के किनारे ले गया। वहां उसने पूजा के दुपट्टे से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके बाद, आलम ने पूजा की लाश को गंगनहर में फेंक दिया और अपने अपराध को छुपाने के लिए अगले दिन उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि, मोबाइल लोकेशन ने उसके सारे प्लान को चकनाचूर कर दिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."