चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर में साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी ठगी के मामले में नागपुर से एक चिप्स-पापड़ विक्रेता को गिरफ्तार किया है। यह मामला एक करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी से जुड़ा है। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड में लाकर कोर्ट में पेश किया गया और फिर जेल भेजा गया है।
मामले का विवरण
कैंट थाना क्षेत्र के नवशील अपार्टमेंट निवासी कारोबारी विनोद कुमार केवलरमानी ने 20 जून को साइबर थाने में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि उनके पास फेसबुक पर एक संदेश आया था, जिसमें शेयर ट्रेडिंग के लिए टिप्स देने का दावा किया गया था। इसके बाद आरोपियों ने विनोद कुमार को रुपये इन्वेस्ट करने के लिए कहा।
14 फरवरी से 24 मई 2024 तक, विनोद कुमार ने सात अलग-अलग बैंक खातों में कुल एक करोड़ 80 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इस दौरान एक मोबाइल एप, अपोलो लेमा, ने प्रॉफिट 33 करोड़ रुपये दिखाया। जब विनोद कुमार ने रुपये निकालने का प्रयास किया, तो आरोपियों ने ढाई करोड़ रुपये और जमा करने का दबाव डाला। पैसे नहीं देने पर आरोपियों ने मोबाइल नंबर बंद कर दिए। ठगी का अहसास होने पर विनोद कुमार ने साइबर थाने में तहरीर दी।
आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस ने जांच के बाद चंदशेखर नत्थूजी भुजाड़े, निवासी मस्कासाथ इतवारी, नागपुर, महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह चिप्स-पापड़ बेचने का काम करता है और उसके ऊपर 60 लाख रुपये का कर्ज था। जनवरी 2024 में बैंक में कुछ लोगों ने उसे 40 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया। आरोपी ने इसके लिए छह अलग-अलग बैंक खाते खुलवाए, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर की गई।
बैंक कर्मियों की संदिग्ध भूमिका
पुलिस ने पाया कि आरोपी के बैंक खातों में चार माह में पांच करोड़ रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर हुई थी। इन रकम को नागपुर की कासमास कोऑपरेटिव बैंक शाखा में ट्रांसफर किया गया था। बैंक कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है क्योंकि इतनी बड़ी रकम आने के बावजूद बैंक ने किसी भी विभाग को रिपोर्ट नहीं भेजी।
साइबर थाना पुलिस ने गुजरात और तेलंगाना में दो टीमों को भेजकर मुख्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
Author: samachar
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