संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
बांदा की रहने वाली शहजादी वर्तमान में दुबई के अबू धाबी जेल में बंद है और इसी साल अक्टूबर में उसे एक बच्चे की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा दी जानी है।
इस घटना के सामने आने के बाद समाजसेवी संगठनों और राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से बांदा की इस निर्दोष बेटी को बचाने की अपील की है। शहजादी ने खुद अपने पिता से फोन पर बात कर प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
शहजादी (33) बांदा के गोयरा मुगली गांव की निवासी है। उसका संपर्क फेसबुक पर आगरा के युवक उजैर से हुआ था, और इस दौरान दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता रहा। शहजादी की तबियत खराब रहती थी, इसलिए उजैर ने उसे इलाज के लिए आगरा बुलाया और फिर विदेश में इलाज और एक समाजसेवी संस्था में काम दिलाने का वादा कर दुबई में रहने वाले आगरा की एक दंपत्ति को बेच दिया।
दुबई में शहजादी घरेलू नौकर का काम करती थी। वहाँ उसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इसी बीच दंपत्ति के एक बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत गलत इलाज के कारण हुई थी, लेकिन दंपत्ति ने शहजादी को बच्चे की हत्या का दोषी ठहरा दिया और उसे फांसी की सजा हो गई।
इस घटना के बाद शहजादी के पिता ने दुबई में रहने वाली उस दंपत्ति और आगरा निवासी उजैर के खिलाफ केस दर्ज कराया। यह केस थाना मटौंध में मानव तस्करी जैसे गंभीर धाराओं के तहत दर्ज कराया गया।
जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया, रोटी बैंक ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में कहा गया कि शहजादी एक सामाजिक कार्यकर्ता है और उसके साथ हुआ यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की और दोषियों को दंडित करने की अपील की, साथ ही शहजादी को दुबई से रिहा कर भारत लाने की गुहार लगाई।
जनता दल यूनाइटेड की प्रदेश महिला नेत्री शालिनी पटेल ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर शहजादी की दुबई से रिहाई के प्रयास करने की मांग की।
शहजादी ने भी गुरुवार को अपने पिता से फोन पर बात की और समाजसेवियों और राजनीतिक दलों से मदद की अपील की। उसने कहा कि वह मरना नहीं चाहती और जेल से छूटने के बाद अपने साथ हुए जुल्म को सबके सामने लाना चाहती है।
रोटी बैंक के जिला अध्यक्ष रिजवान अली ने बताया कि शहजादी बचपन में एक हादसे में जल गई थी, जिससे वह दिव्यांग हो गई थी। इसके बावजूद, वह विभिन्न समाजसेवी संगठनों से जुड़कर समाज सेवा में सक्रिय रही। उसे झांसा देकर इलाज के बहाने बेच दिया गया और साजिश के तहत फंसाया गया। रिजवान अली ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर निर्दोष समाजसेविका को जेल से रिहा कराने की अपील की है।
Author: samachar
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