ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
रायबरेली। जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी ने अपनी ही सरकार की पुलिस से नाराज होकर रविवार को थाने पर धरना दिया। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस रिश्वतखोर हो गई है और उनसे भी बदसलूकी करती है। उनके धरने पर बैठने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। अंततः बड़ी मुश्किल से आश्वस्त होने पर उन्होंने धरना समाप्त किया।
दरअसल, रंजना चौधरी ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कोतवाली परिसर में धरना दिया। उनका आरोप है कि पुलिस हर मामले में केवल रिश्वत मांगती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एनटीपीसी में काम करने वाले गरीब मजदूरों के गेट पास नवीनीकरण के लिए पुलिस पांच सौ रुपये लेती है। इसके अलावा, हाल ही में कंदरावा गांव में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई थी, जिसमें पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
रंजना चौधरी ने यह भी कहा कि पूरे क्षेत्र में नशे का कारोबार पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है, जिससे यहां की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। जब कभी किसी मामले में कोतवाल को फोन किया जाता है तो वह कहते हैं कि वह जिला पंचायत अध्यक्ष का नौकर नहीं हैं, जो उनके कहने पर कोई काम करें। इस तरह से जनप्रतिनिधियों के सामने बड़ी विषम स्थिति पैदा हो गई है।
धरने के बाद, कोतवाल ने रंजना चौधरी के पास आकर आश्वासन दिया कि भविष्य में वह अपनी कार्यशैली में सुधार लाएंगे और अंबेडकर प्रतिमा तोड़ने वालों के विरुद्ध जल्द ही कार्रवाई करेंगे। इस आश्वासन के बाद, रंजना चौधरी ने अपना धरना समाप्त किया।
Author: samachar
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