आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वेस्ट यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में कम वोटिंग से कुर्सी खिसकने से खौफ से घबराए सियासी दलों ने अब दूसरे चरण में ज्यादा वोटिंग के लिए रणनीति बदली है।
बीजेपी, सपा, बसपा समेत सभी दलों ने नए सिरे से अपनी चुनावी टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। वर्करों को ज्यादा वोटिंग के टिप्स दिए हैं। दरअसल, पहले चरण की वोटिंग में पड़ताल करने पर सामने आया है कि सभी दलों के ज्यादातर दिग्गज सियासतदां यानी मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, संगठन के पदाधिकारी भी अपने अपने बूथों में बंपर वोटिंग कराने में नाकाम साबित हुए हैं, इसलिए सभी दलों के हाईकमान और थिंक टैंक को रणनीति में बदलाव करने को मजबूर होना पड़ा है।
पहले चरण में अपनी मजबूत पकड़ होने का दावा करने वाले सभी सियासी दलों को कम वोटिंग से मायूसी हुई। एक दूसरे को सियासी नुकसान बताकर नेता हमलावर हैं।
कम वोटिंग को विपक्ष जहां बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बता रहा है तो वहीं बीजेपी के नेता विपक्ष को जनता के नकारने का दावा बता रहे हैं। हालांकि, सियासी जानकार इसको सभी दलों के लिए अच्छा संकेत नहीं बता रहे हैं। किसी की भी जीत हार की आशंका जता रहे हैं।
उनका तर्क है कि 1977 से लेकर अब तक चार चुनाव में वोटिंग कम हुई तो सरकारें बदल गईं। सिर्फ एक बार वोटिंग कम होने पर भी सरकार नहीं बदली थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने भी जिला प्रशासन को वोटिंग बढ़ाने के उपाय तेज करने को कहा है। सियासी दलों ने भी अपनी चुनावी टीम को अधिक वोटिंग के टारगेट सौंपे हैं।
बीजेपी का हर पन्ना प्रमुख को 60 वोट डलवाने का लक्ष्य
बात बीजेपी की करें तो पार्टी ने अपने मिशन 80 पर फोकस बढ़ाया है। बूथ पर सक्रियता बढ़ाई है। दूसरे चरण के लिए नई रणनीति पर काम शुरू किया है। पन्ना प्रमुखों को हर बूथ पर मजबूती से तैनात किया है। हर बूथ से वोटर निकलने को टारगेट रखा है।
एक पन्ना प्रमुख 60 वोट घर से निकलने की जिम्मेदारी निभाएगा। इस काम के लिए यूपी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारियों को हर जिले में जिम्मा दिया है।
बीजेपी वेस्ट यूपी के प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा का कहना है कि दूसरे चरण में ज्यादा वोटिंग कराने के लिए वर्करों को खास रणनीति के तहत लगाया गया हैं। रालोद के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व विधायक दिलनवाज खान का कहना है कि मुस्लिम इलाकों में शत-प्रतिशत वोटिंग कराने के वॉलिंटियर लगाए जा रहे हैं।
सपा का प्लान-बूथ सदस्य संग पांच मेंबर जोड़े, 11 छात्र भी निकालेंगे वोट
समाजवादी पार्टी ने भी अधिक वोटिंग के लिए बूथ कमेटी के हर सदस्य के साथ पांच वर्करों को जोड़ा है। सपा के पूर्व मंत्री राजपाल सिंह का कहना है कि हर बूथ कमेटी के साथ सहायक लगाए हैं। वह घर-घर जाएंगे। अपने एजेंट के जरिए पोलिंग बूथ से हर घंटे बाद वोटर लिस्ट से मिलान करते रहें कि किन लोगों के वोट नहीं पड़े, फिर पार्टी की टीम घर-घर जाकर उन वोटर को बुलाकर वोटिंग कराएगी।
सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय महासचिव बाबर चौहान खरदौनी का कहना है कि दूसरे फेज में हर बूथ पर छात्रों की एक 11 सदस्यीय टीम तैनात की जा रही है। जो वोटर को घर से लाने में मदद कर वोटिंग कराएगा।
बसपा की सेक्टर कमेटी और बूथ कमेटी सदस्य घर से निकाल के वोटर…
बसपा के भी अपनी सेक्टर कमेटी के सदस्यों को बूथ वार कमेटी के साथ लगकर वोटिंग बढ़ाने का जिम्मा दिया है। पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी, हाजी हाफिज इमरान और मेरठ लोकसभा सीट से बसपा कैंडिडेट देवव्रत त्यागी का कहना है कि हर वोट डलवाने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है।
बहन मायावती का संदेश दिया जा रहा है कि पहले वोट फिर नाश्ता। इसलिए हर घर पर एक-एक वर्कर तैनात रहेगा, वह वोटरों को पहले वोट करने के लिए तैयार करेगा। बसपा की नीतियों से मेल रखने वाले दूसरे चरण में रिकॉर्ड वोटिंग करेंगे।
Author: samachar
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