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November 23, 2024 12:51 am

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मालवीय पीजी कॉलेज में प्रथम पुरातन छात्र सम्मेलन ; महाविद्यालय के विकास में सहभागिता का किया गया आह्वान

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

भाटपार रानी। नगर में प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय के नाम पर स्थापित पीजी कॉलेज का प्रथम पुरातन छात्र सम्मेलन भीम व्यायाम शाला में आयोजित किया गया।

सम्मेलन में शिक्षा, चिकित्सा राजनीति, सुरक्षा, समाज सेवा से जुड़े हर क्षेत्रों में राष्ट्र व विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रहे पुरातन छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया। उनके द्वारा प्राप्त उत्तम सुझाव को विद्यालय प्रशासन ने अमल में लाने का संकल्प लिया। जिससे संस्थान को उत्थान के अंतिम सोपान पर ले जाया जा सके।

सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए संस्थान के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने कहा कि पुरातन छात्र जो अपने उत्कृष्ट कार्यो से संस्थान की प्रसिद्ध में चार-चार लगा रहे हैं। उनपर संस्थान गौरवांवित हो रहा है।

संस्थान के ऊर्जावान प्राचार्य ,आचार्य एवं संस्थान परिवार के आपसी सहयोग ,उचित प्रबंध, अध्ययन ,अध्यापन की गुणवत्तापूर्ण आदर्शों से आए दिन यह संस्थान नया कीर्तिमान गढ़ रहा हैं। संस्थान के प्राचार्य ने डेढ़ वर्षो में संस्थान की उत्थान में जो योगदान दिया है उसे बीस वर्षों में भी पूरा कर पाना कठिन है।

विधान परिषद सदस्य डॉ रतनपाल सिंह ने कहा कि आज भी मैं एक विद्यार्थी हूं ।शिक्षण संस्थानों में आयोजित कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति पर मैं गौरवांवित होता हूं। यहां के छात्र राजनीति से मैं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा रहा हूं। इस संस्थान से मेरा पुराना रिश्ता है। प्राचार्य प्रोफेसर सतीश सिंह गौड़ ने कहा कि महाविद्यालय का आज जो कलेवर बदला है उसमें संस्थान के ऊर्जावान युवा प्रबंधक, आचार्यगण, एवं विद्यालय परिवार की सदस्यों का योगदान रहा है। उन्होंने पुरातन छात्रों के प्रति अभिवादन करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्राप्त सुझावों को संस्थान के निर्माण में मूर्ति रूप देने का प्रयास किया जाएगा ।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमोद कुमार राय ने कहा कि रिश्ता भावना से जुड़ जाए वह अटूट बन जाता है। प्रोफेसर शरद कुमार मिश्र ने कहा कि संस्थान जो मेरे भीतर बीज़ डाला है आज वह वृक्ष बन गया है ।जिस संस्थान की नीव मैंने देखा था आज इसकी इमारत बुलंदियों पर है। भारत सरकार प्रत्येक जिले में विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहती है। यह महाविद्यालय इसी तरह से प्रगति करता रहा तो देवरिया का प्रथम विश्वविद्यालय बनेगा।

प्रोफेसर पी एन सिंह ने अपने अनुभव को विस्तार पूर्वक रखा। उन्होंने पुरातन छात्रों में ऊर्जा भर दिया। डॉ राजेंद्र अंसारी ने कहा कि इस संस्थान की देन है कि आज मैं इतना बड़ा संस्थान खड़ा कर पाया हूं।

इनकम टैक्स कमिश्नर अजीत सिंह ने कहा कि मन में ठान ली तो मंजिल निश्चित हासिल होगा। बशर्ते साधन एवं साध्य दोनों पवित्र हो। समारोह का संचालन शिक्षा वित्त डॉ पवन कुमार राय ने किया। पुरातन छात्र सम्मेलन में प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ को अध्यक्ष, डॉ पवन कुमार राय को प्रबंधक, डॉ श्रीनिवास मिश्र को उपाध्यक्ष, राम प्रसाद को सचिन एवं महेंद्र मिश्रा को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।

इस पुरातन छात्र सम्मेलन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे पुराने विद्यार्थियों ने अपने अनुभव सखझा किया जिनमें सहायक अभियोजन अधिकारी अमरेश गुप्त, चिकित्सक डॉ सत्य प्रकाश, प्रधानाचार्य डॉ रमेशचंद पाण्डेय, सीमा सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर अभय कुमार सिंह,प्राध्यापक डां गोविंद मिश्र सुमन, दुर्गेश कुमार मिश्रा, धनं जय पटेल,डॉ अजिमुल्लाह अंसारी, पुलिस कर्मी मुहम्मद आलम, सुशील कुमार शाही, विजय कुमार गुप्ता, कृषृणमोहन कुमार, खुश्बू गुप्ता आमोद नारायण पाण्डेय, डां रविशंकर मिश्र, केपी सिंह,रामप्रसाद सहित अन्य पूर्व विद्यार्थियों ने अपने विचार साझा किया। 

News Desk
Author: News Desk

Kamlesh Kumar Chaudhary

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