चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
आगरा। कहते हैं जिनके अंदर हुनर है, चाहे कितनी भी मुश्किलों क्यों न हो वो अपना रास्ता तय कर ही लेते हैं। ऐसा ही नजारा आगरा में देखने को मिला है। जहां आगरा की झुग्गी-झोपड़ी और मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। आगरा के चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता के मार्गदर्शन और मदद से इन बच्चों के हौसले को बढ़ा रहा है।
बता दें कि पंचकुइयां में शिक्षा विभाग के कार्यालय परिसर में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार का मुख्य काम शनिवार को शहरभर में नीबू मिर्च बांधने का है। इन परिवारों के कई बच्चे भीख मांगने का काम करते थे। इन परिवारों की हालत को देखकर चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस आए आगे। उन्होंने हर परिवार से बात की। बच्चों को पढाई के बारे में बताया। चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर एक लडके शेर अली खान और तीन लड़कियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी। लड़के ने 12वीं और तीन लड़कियों ने 10वीं की परीक्षा दी। शेर अली खान ने 12वीं में 66 फीसदी पाए हैं। इसके साथ ही करीना, निर्जला और कामिनी ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
शेर अली खान ने बताया कि मैं आर्मी में भर्ती हूंगा। मैं सैनिक बनकर देश सेवा करना चाहता हूं। इसके साथ ही करीना ने डॉक्टर बनकर गरीब तबके तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचा सकूं। इसके साथ ही 10वीं करने वाली निर्जला ने पुलिस और कामिनी ने शिक्षक बनने की इच्छा जताई है। इसके साथ ही वजीरपुरा निवासी सानिया के पिता अबूलाला की दरगाह पर फूल बेचते हैं। आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़कर सानिया भी फूल बेचती है। नरेश पारस बताते हैं कि समझाकर सानिया की पढाई शुरू कराई। उसका सेंट जोंस इंटर कॉलेज में दोबारा दाखिला कराया। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कराई। आज सानिया ने फर्स्ट डिवीजन से 12वीं की परीक्षा पास की। सानिया का सपना वकील बनना है।
Author: samachar
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