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November 1, 2024 4:11 pm

गजब सौहार्द ; सिर्फ 30 फीट के फासले पर है मंदिर मस्जिद ; आज तक नहीं हुआ टकराव, और खासियत जानकर रह जाएंगे दंग

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर में एक ऐसा गांव है, जहां मंदिर-मस्जिद एक साथ बने हैं। खास बात यह है कि जब मंदिर में आरती होती है तो मस्जिद के अजान का माइक बंद कर दिया जाता है और जब मस्जिद में अजान की जाती है तो मंदिर पर लगे माइक की आवाज को कम कर दिया जाता है। 

अच्छी बात यह है कि कुशीनगर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम में भाईचारा कायम है। मंदिर और मस्जिद एक साथ बने लगभग 62 साल बीत गए, लेकिन अभी तक किसी तरह का टकराव नहीं हुआ है। 

ऐसा प्रेम और भाईचारा शायद ही पहले कभी देखा गया हो अगर मंदिर में पूजा पाठ या भंडारा होता है तो मस्जिद के मौलवी प्रसाद लेते हैं और जब मुस्लिमों का त्यौहार पड़ता है तो मंदिर के पुजारी उसमें शामिल होते हैं। 

रमजान के महीने में तो मंदिर के पुजारी रोजा अफ्तारी के लिए पकवान भी भेजते हैं। 

मंदिर और मस्जिद के बीच महज 30 फीट की दूरी

मंदिर की आधारशिला सन 1960 में रखी गई, जिसके बनने में लगभग 3 साल लगे। इसके बाद 1965 में मस्जिद का निर्माण हुआ। मंदिर और मस्जिद के बीच महज 30 फीट की दूरी है। मंदिर मस्जिद में कुछ फीट की दूरी है, लेकिन मंदिर के पुजारी कन्हैया तिवारी और मस्जिद के मौलवी मोहम्मद मासूम रोज सुबह एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। पुजारी कन्हैया तिवारी राम राम कहते हैं तो मौलवी मस्जिद के मौलवी मोहम्मद मासूम वालेकुम सलाम कहते हैं। 

भाईचारे की मिसाल है मंदिर-मस्जिद

इस गांव की सामाजिक समरसता पूरे इलाके में मिसाल मानी जाती है। इस गांव में हिंदुओं की अपेक्षा मुस्लिम आबादी अधिक है, बावजूद इसके जब मंदिर निर्माण शुरू हुआ तो मुस्लिम समाज के लोगों ने न केवल ईंटें दीं, बल्कि शारीरिक श्रम भी किया और जब मस्जिद की नींव पड़ी तो हिंदू समाज के लोगों ने ईंट दीं। 

मंदिर के पुजारी कन्हैया तिवारी का कहना है कि पास में मस्जिद होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। दोनों लोग अपने-अपने धर्म के हिसाब से पूजा करते हैं। उन्होंने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए कहा कि हम सभी लोग एक हैं। बस हमारी पूजा पद्धति अलग है। 

कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24

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