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November 23, 2024 12:22 am

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मुसलमान भाईयों, इस बार ईद न मनाएं बल्कि… सपा कार्यालय के बाहर लगे इस होर्डिंग के पीछे की राजनीति समझिए

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ: मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हुई मौत मामला अभी शांत नहीं हुआ है एक ओर इस मामले की जांच हो रही है। वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से मुख्तार की मौत संदिग्ध बताते हुए सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। 

वहीं ईद से पहले शुक्रवार देर रात सपा कार्यालय के बाहर मुख्तार की हमदर्दी में एक होर्डिंग लगाई गई है जिसमे मुसलमानों से ईद ना मानने की अपील की गई है। 

समाजवादी पार्टी के नेता राम सुधाकर यादव की तरफ से लगवाई गई होर्डिंग में लिखा है कि मुसलमान भाइयों इस बार ईद ना मनाऐं बल्कि उसकी जगह पर मुख्तार अंसारी के लिए दुआ मांगे। हालांकि, इस बात की जानकारी जैसे प्रशासन को हुई उसने तत्काल संज्ञान लेते हुए उस होर्डिंग को हटवाया।

नीतीश और राजभर को बताया था पलटुराम

बता दें कि सपा कार्यालय के बाहर मुख्तार के समर्थन में लगी होर्डिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि सपा की तरफ से मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल खड़े किए गए हैं। हालांकि सपा के जिस नेता के द्वारा ये होर्डिंग लगवाई गई है। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के पूर्व प्रदेश सचिव है।

वहीं इससे समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर कई बार होर्डिंग लग चुकी हैं, इसमें होर्डिंग के जरिए सपा मुखिया अखिलेश यादव को देश का होने वाला भावी प्रधानमंत्री तक बताया जा चुका है। वहीं बीते 30 जनवरी को सपा से किनारा करने पर नीतीश कुमार और ओपी राजभर पलटुराम बताते हुए होर्डिंग लगाई गई थी।

60 से ज्यादा दर्ज थे मुकदमे

मुख्तार अंसारी की बीते दिनों पहले बांदा जेल में अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उसको बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। 

मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया। मुख्तार पर 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे थे, जिनमें से कुछ में उसे सजा भी सुनाई गई। उसके खिलाफ साधारण अपराध के मुकदमे नहीं थे।

सामान्य परिस्थितियों में ऐसे किसी अपराधी की मौत पर जनता की प्रतिक्रिया राहत, तिरस्कार या फिर उदासीनता वाली होती है, लेकिन मुख्तार की मौत ने आक्रामक और साथ ही भावुक प्रतिक्रिया पैदा की। उसकी मौत पर दुख जताने और सवाल उठाने वालों में कई मुस्लिम पत्रकार और नेता भी शामिल हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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