दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर: यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। गुरूवार को जाजमऊ आगजनी मामले में कोर्ट में फैसला आना था। लेकिन कोर्ट ने पांचवी बार फैसला टाल दिया।
एमपीएमएलए कोर्ट ने 6 अप्रैल की तारीख दी है। इरफान जब कोर्ट परिसर पहुंचे, तो उनसे पूछा गया कि इरफान कुछ बोलेंगे। इस पर इरफान भड़क गए और चिल्लाने लगे मैं जानवर, जानवर, जानवर, जानवर।
इरफान की यह हालत देखकर कोर्ट परिसर मे मौजूद परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने अपने एनकाउंटर या फिर हार्ट अटैक की आशंका जताई है।
रमजान महीने में इरफान सोलंकी रोजा रह रहे हैं। जाजमऊ आगजनी मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब कोर्ट का फैसला आना है। फैसले की सुनवाई के लिए उन्हें रोजे में महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट पेशी के लिए लाया जाता है।
लगभग 400 किलोमीटर का सफर तय कर के उन्हें महाराजगंज जेल से कानपुर लाया जाता है। रोजे में थका देने वाले सफर से इरफान एरिटेट हो गए हैं। इस वजह से इरफान कोर्ट परिसर में चिल्लाने लगे। इरफान की हालत देखकर उनकी पत्नी, बहने और बच्चे रोने लगे।
मेरा एनकाउंटर करना चाहते हैं
इरफान ने कहा कि मैं न्यायपालिका की पेशी में आया हूं, या फिर पुलिस की पेशी में। मुझे जज साहब के सामने पेश ना करके पुलिस लाइन क्यों ले जाया गया। मुझे दो घंटे पुलिस लाइन में क्यों बैठाया। क्या मेरा एनकाउंटर करना था। कहीं मुझे भी तो अटैक नहीं आ रहा था। मुझे पुलिस लाइन क्यो ले गए, इसके पीछे क्या वजह है। मुझे जज साहब ने बुलाया था, या फिर पुलिस कमिश्नर ने।
इरफान ने जाहिर की नाराजगी
दरअसल गुरूवार को कोर्ट का फैसला आना था। लेकिन इरफान को कोर्ट के सामने पेश नहीं किया गया। इस दौरान इरफान को पुलिस ने दो घंटे तक पुलिस लाइन में बैठाया गया।
जब कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी मामले में अगली तारीख दे दी, इसके बाद इरफान को कोर्ट लाया गया। इस वजह से भी इरफान ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."