ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
हरदोई। मेरे 2-2 बाप…याद ही होगा सुनील शेट्टी की मूवी का यह डायलॉग, असल में सुनने को मिले तो कैसा लगेगा? जी हां, एक शख्स के 2-2 बाप होने का मामला सामने आया है, लेकिन यहां दिलचस्प बात यह है कि युवक बेजुबान है और कई सालों बाद अपने घर लौटा है।
इसलिए वह बता नहीं सकता कि उसके असली मां-बाप कौन हैं? मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई का है। हरदोई जनपद के कोतवाली कछौना पुलिस को एक बेजुबान लड़का लावारिस हालत में मिला। उसके परिजनों की तलाश करते हुए पुलिस ने पूरे इलाके के थानों में गुमशुदगी की शिकायतें खंगाली।
DNA टेस्ट कराकर बिछड़ों को मिलाएगी पुलिस
एडिशनल SP हरदोई नृपेंद्र ने बताया कि पुलिस ने युवक की फोटो और उससे जुड़ी कुछ जानकारियां सोशल मीडिया पर वायरल की थीं, जिसे फॉलो करते हुए 2 परिवार सामने आए। दोनों ने युवक पर अपना हक जताया। दोनों ने कहा कि वह युवक उनका लापता हुआ बेटा है, लेकिन युवक अपने दोनों मां-बाप को पहचान नहीं पा रहा है, क्योंकि वह बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था।
अब पुलिस इस कशमकश में है कि आखिर युवक को किसे सौंपा जाए? ऐसे में DNA टेस्ट का विकल्प अपनाने पर भी पुलिस विचार कर रही है, ताकि युवक को उसके खोए हुए मां-बाप और मां-बाप को उनका खोया बेटा मिल जाए।
26 दिन से एक लड़की को तलाश रही पुलिस
दूसरी ओर, हरदोई जिले के कछौना कोतवाली क्षेत्र से 26 दिनों से एक लड़की गायब है, जिसको ढूंढने में कछौना पुलिस नाकाम रही है। लड़की के घरवाले थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं। उन्हें हर बार आश्वासन दिलाकर थाने से वापस भेज दिया जाता है।
कछौना कोतवाली क्षेत्र के दीननगर गांव में रहने वाले रामरतन की 17 साल की बेटी 14 जनवरी को अचानक गायब हो गई थी। रामरतन ने अपनी बेटी के गायब होने की खबर पुलिस थाने में दी। रामरतन ने शिकायत में यह बताया कि उसकी बेटी संडीला अद्यौगिक क्षेत्र में प्रकाश प्लाईबोर्ड नामक कंपनी में काम करती थी, लेकिन 14 जनवरी से लापता है।
पुलिस वाले कहते गाड़ी दो, फिर लड़की ढूंढेंगे
रामरतन के अनुसार, 14 जनवरी को उसकी बेटी घर में यह बोलकर गई थी कि वह कंपनी में अपने बाकी के पैसे लेने जा रही है। उसके बाद बेटी घर वापस नहीं आई। रामरतन का कहना है कि कंपनी के कुछ कार्यकर्ता उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर साथ ले गए हैं।
मामले में कछौना पुलिस ने अभी तक कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया है। जब भी वे पुलिस थाने जाते हैं तो वहां के पुलिसकर्मी कहते हैं कि पहले गाड़ी लेकर आओ, फिर लड़की को ढूंढ़ा जाएगा। यह बात सुनकर लड़की की मां रोने लगी और बोली कि हम गरीब लोग कहां से गाड़ी लाकर देगें? हमारे पास इतना पैसा कहां से आएगा?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."