जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ। सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का मामला सामने है। ठगी का शिकार हुए गोंडा जनपद के अमरेश तिवारी मुताबिक गोंडा जनपद के प्रत्येक ब्लॉक के ग्राम प्रधानों का मोबाइल नंबर लेकर उनको फोन करके बताया कि कपास योजना के माध्यम से कृषि विभाग में प्रत्येक ग्राम सभा से दो लोगों को नौकरी दी जा रही है जिसमें ग्राम प्रधानों की संस्तुति पर यह नियुक्ति करनी है। जिसमें एक पद कपास मित्र और दूसरा फार्मिंग इंचार्ज की दो पोस्ट पर नौकरी के लिए महिला एवं पुरुष किसी भी अभ्यर्थी को रखना है। इसके बाद ग्राम प्रधानों ने ऑनलाइन वेबसाइट पर फार्म डालवाया जिसमें रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 500 रुपया प्रत्येक पद के लिए वसूला गया।
फरियादी ने आगे बताया कि रजिस्ट्रेशन शुल्क के वसूलने के बाद पुनः फोन करके बताया गया कि आप लोगों का एडमिट कार्ड जारी हो गया है, आप लोग अपना एडमिट कार्ड निकाल लीजिए। इसके बाद अभ्यर्थियों को लखनऊ चारबाग स्टेशन के पास बुलाकर बकायदे परीक्षा ली गई। इसके बाद चार महीने तक सब कुछ शांत रहा फिर मकर संक्रांति के पहले 12,एवं 13दिसंबर को इन अभ्यर्थियों के पास फोन गया कि आप लोगों को 16 जनवरी तक ज्वाइन लेटर मिल जाएगा। 27 तारीख को जॉइन लेटर के साथ अपने समय अनुसार मऊ एसपी ऑफिस के बगल में पालिका कम्युनिटी हॉल में आना है।
अभ्यर्थियों को ऐसे हुआ संदेह
प्रत्येक अभ्यर्थी के व्हाट्सएप पर एक बार कोड भेजा गया जिसमें 1100 रुपए कट के नाम पर शुल्क लिया गया जिसमें बताया गया कि प्रत्येक व्यक्ति को पेन डायरी एक पुस्तक एक बैग एक डिजिटल कार्ड और उसके साथ लंच पैकेट दिया जाएगा और सुबह 10:00 बजे से सभी अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग शुरू होगी। यह भी बताया गया कि दोपहर में 30 मिनट का लंच होगा तथा 3:00 बजे तक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलेगा।
इसके बाद सभी को अपने घर जाकर अपनी ग्राम सभा में ज्वाइन कर लेना है। ट्रेनिंग में आए व्यक्तियों की कार्यशैली को संदिग्ध देखकर उपस्थित अभ्यर्थियों ने जब उनसे लिखित मांगा तो तो वह टालमटोल करने लगे और ट्रेनिंग के लिए आए फर्जी कृषि वैज्ञानिक और उनके सहयोगी एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपनें लगे। जिस पर बेरोजगारों ने हंगामा खड़ा करते हुए रोड पर आ पहुंचे।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
नौकरी पाने की चाह में पूर्वांचल के कई जनपदों से लगभग 600 महिलाएं एवं 1600 बालक अभ्यर्थी के रूप में इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने के लिए आए थे परंतु जब उनको पता चला यह पूरा मामला फर्जी है तो उन्होंने रोड पर हंगामा कर दिया और अपना पैसा वापस मांगने लगे तथा किराया भाड़ा में जो खर्च हुआ है उसकी भी मांग करने लगे।
हंगामें को शांत कराने पहुंची पुलिस मौके की गंभीरता को समझते हुए तीन लोगों को पूछताछ करने के लिए थाने ले गई।
इस संबंध में सीओ सिटी मऊ अंजनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले कुल चार लोगों में से तीन को मौके से ही गिरफ्तार कर पुलिस ने 419, 420, 467, 468, 471 की धारा में निरुद्ध कर जांच किया जा रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."