आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊः लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में विपक्षी खेमा मोर्चेबंदी में लगा हुआ है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है लेकिन सपा की कोशिश है कि वह इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं। यही कारण है कि अखिलेश यादव से लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य तक मायावती को रिझाने में लगे हैं। हाल ही में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश और मौर्य दोनों ने मायावती के लिए इंडिया गठबंधन के दरवाजे खुले होने की बात कही है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो यहां तक कह दिया कि सपा पुराने सभी मामलों को भूलकर मायावती के साथ गठबंधन करने को तैयार है।
बीते दिनों मायावती ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्हें गिरगिट कह दिया था। इस पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती पानी पी-पीकर सपा को कोसती थीं लेकिन सपा से दो-दो बार (1993 और 2019 में) उन्होंने गठबंधन किया। सपा के नेता इतने ही बुरे थे तो दो-दो बार गठबंधन क्यों? इसलिए ये सिर्फ राजनैतिक बयानबाजी है। उन्होंने आगे कहा कि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल होती है या नहीं शामिल होती है इसका फैसला मायावती जी को करना है लेकिन इंडिया गठबंधन में सभी के लिए दरवाजे खुले हैं। अगर वह आती हैं तो उनका स्वागत है।
मौर्य ने कहा कि साल 2109 का गठबंधन बताता है कि अखिलेश यादव ने झुककर मायावती के सम्मान में बसपा से हाथ मिलाया था। मनचाही सीटें भी मायावती ने ली थीं। यही कारण था कि बसपा ने 10 सीटें जीतीं और सपा को केवल पांच सीटों पर जीत मिली। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी मायावती ने उल्टा सपा पर ही आरोप लगाए लेकिन सपा पुराने मामले को भूलकर उनका स्वागत करने को तैयार है। बसपा से गठबंधन को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो बातें कहीं, वही बात अखिलेश ने भी एक इंटरव्यू में दोहराई थीं। उन्होंने कहा कि साल 2019 में मायावती हमारे गठबंधन से पीएम पद की उम्मीदवार थीं।
अखिलेश ने कहा कि साल 2019 में समाजवादियों का प्रयास था कि बीएसपी नेता प्रधानमंत्री बनें और उसी को लेकर गठबंधन बनाया था। कभी-कभी कुछ चीजें भाग्य पर होती हैं। उनके भाग्य ने साथ नहीं दिया। साल 2019 के चुनाव के बारे में बता रहा हूं। पूरा देश जानता है कि गठबंधन इसीलिए हुआ। सपा ने पूरी मदद की। जो (मायावती) जीरो थीं, वो 10 सीटें जीतकर आईं। वो 10 सीटें जीत गईं। हम पांच सीट पर रह गए। फिर जब विधायक का चुनाव हुआ, उनका विधायक इकलौता है और वह भी अपने दम पर जीता है। गिरगिट वाले बयान पर अखिलेश ने कहा कि मायावती ने यह हमारे लिए नहीं कहा था। जो लोग बार-बार परिधान बदलते हैं, कपड़े बदलते हैं, उनके लिए यह कहा होगा। हम तो कभी रंग-बिरंगा कपड़ा नहीं पहनते। किसी ने देखा हो तो बता दो। जबसे राजनीति शुरू की है, यही कपड़े पहन रहा हूं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."