हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
देश-दुनियाभर के लोग जहां नए साल के जश्न में डूबे हैं, वहीं कई राज्यों के ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं। उन्होंने यह हड़ताल भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद शुरू की है।
दरअसल, सरकार ने कानून संशोधित करते हुए हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया है।
इससे ट्रक ड्राइवर्स और उनकी यूनियनें सरकार से खफा हो गई हैं। नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल चल रही है, जिसे आज यानी सोमवार को तीसरा दिन था।
हड़ताल के दौरान देश के 8 राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब और गुजरात में ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया। कहीं, चक्का जाम हुए तो कहीं मुख्य मार्ग रोक दिए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर आदि शहरों में बसें नहीं चलने दी गईं। राजस्थान में भी आधे दिन निजी गाड़ियां नहीं चलीं। वहीं, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रक ड्राइवरों ने सड़क पर वाहन खड़े कर आग लगा दी। इससे टायर जलने लगे और उनका धुआं दूर-दूर तक फैल गया।
दरअसल, इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, “यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है।” उन्होंने कहा कि “भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है।”
ड्राइवरों को क्यों हो रही परेशानी?
हिट एंड रन’ के नए कानून में में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। एआईएमटीसी के अनुसार, कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं।
अमृतलाल मदान ने बताया कि देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है,तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है।
एआईएमटीसी ने क्या कहा?
एआईएमटीसी का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।
पहले क्या था कानून और अब संशोधन क्या होगा?
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है।
संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।
Author: samachar
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