Explore

Search

November 1, 2024 9:56 pm

आप तो संसद में नाचने लगेंगे, राज्यसभा में हंगामा कर रहे राघव चड्ढा को धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा? पढिए पूरी खबर को

1 Views

परवेज अंसारी की रिपोर्ट

संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार बीत रहा है। आज राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने हंगामा कर रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा की क्लास लगा दी। धनखड़ ने उन्हें सदन में इशारा करने की जगह बोलने की नसीहत दी।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आपने अगर ऐसा नहीं किया तो हो सकता है कि कुछ देर में आप डांस करने लगें। 

बता दें कि संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और इसके बाद सूचित किया कि उन्हें संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन संबंधी नियम 267 के तहत कुल 23 नोटिस मिले हैं। 

सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही सदन को अवगत करा चुके हैं कि मामले की जांच हो रही है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने आसन की ओर इशारे से कुछ कहना चाहा जिस पर सभापति ने आपत्ति जतायी। उन्होंने चड्ढा से कहा कि वह इशारे करने की बजाय बोलकर अपनी बात रखें। इसके बाद सदन में हंगामा और तेज हो गया। 

इसी बीच, नेता सदन पीयूष गोयल ने कर्नाटक में कानून और व्यवस्था से जुड़ा कोई मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन शोर में उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने 11 बजकर 09 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर हुए बृहस्पतिवार को भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। हंगामे के दौरान ‘अमर्यादित आचरण’ करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओब्रायन को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद उनके सदन में ही मौजूद रहने के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी और अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."