आनंद शर्मा की रिपोर्ट
जयपुर : श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या हो जाने के बाद जयपुरमें सन्नाटा पसर गया है। दिनदहाड़े घर में घुसकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मौत होते ही उनके बारे में लोग जानने में जुट गए हैं।
मौके पर समाज के लोगों का तांता लगा है। राजपूत समाज के कई बड़े नेता परिवारजनों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। लोग इस पूरे घटना को लेकर टकटकी लगाए हुए हैं कि आखिर हत्यारे कौन थे। इसी बीच उनके परिवार के सदस्यों के बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मौत के बाद उनकी पत्नी के प्रति भी लोग सोशल मीडिया के जरिए सहानभूति प्रकट कर रहे हैं। गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत हैं, जो राष्ट्रीय करणी सेना की महिला विंग की पदाधिकारी भी हैं। एक यूट्यूब इंटरव्यू में शीला ने यह बताने की कोशिश की कि सुखदेव सिंह गोगामड़ी राजपूत समाज के लिए क्या थे। शीला शेखावत ने इस इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें सुखदेव सिंह पर गर्व है, क्योंकि वह राजपूत समाज के अलावा 36 कौम को साथ लेकर चल रहे थे।
सुखदेव गोगामेड़ी राजपूत समाज के संगठन श्री राजपूत करणी सेना के प्रेसीडेंट के पहचान रखते थे। वहीं उनका कई विवादों से भी नाता रहा। इस खबर के जरिए जानिए सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कब -कब विवादों में चलते सुर्खियों में आए।
लोकेंद्र सिंह कालवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद
राजपूत समाज के बड़े नेता के तौ पर पर पहचान रखने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी का निधन इसी साल मार्च में हुआ। लोकेंद्र कालवी वही नेता थे, जिन्होंने करणी सेना में सुखदेव गोगामेड़ी की एंट्री करवाई थी।। साल 2012 में कालवी ने गोगामेड़ी को करणी सेना का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन सुखदेव गोगामेड़ी के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज होने के बाद उन्हें पद से हटाया गया। बताया जाता है तभी से लोकेंद्र सिंह कालवी और सुखदेव गोगामेड़ी के बीच विवाद छिड़ गया था।
संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मार आए चर्चा में
सुखदेव गोगामेड़ी सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब रहे , जब साल 2017 में फिल्म पद्मावती के शूटिंग जयपुर के नाहरगढ़ फोर्ट में चल रही थी। इस दौरान फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को उन्हीं के सेट पर जाकर थप्पड़ मार दिया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने इस फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोला, तो देशभर में वह चर्चा में आ गए। इसके बाद भंसाली की फिल्म का पूरे देश में विरोध शुरू हो गया। फिल्म को राजस्थान में करणी सेना ने रिलीज भी नहीं होने दिया। इस विरोध से परेशान होकर फिल्म निर्माता ने फिल्म का नाम बदलकर पद्मावत करना पड़ा। राजपूत समाज के युवाओं के बीच इस दौरान सुखदेव सिंह गोगामेड़ी काफी फेमस हुए ।
गोगामेड़ी पर जानिए कितने मामले दर्ज
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर 21 केस दर्ज हैं। इसमें से 7 गंभीर आपराधिक मामले हैं। साल 2003 में हत्या के मामले में व 2013 में आर्म्स एक्ट में इन्हें दोषी ठहराया गया। साल 2016 में इनके खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीड़न का भी केस किया था।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."