जोगिंदर सिंह की रिपोर्ट
कंधे पर बैग लिए वो बच्चियां अपने स्कूल के लिए निकलतीं, लेकिन एक खौफ उनकी आंखों में रहता। माता-पिता पढ़ाई के लिए स्कूल भेजते लेकिन वो लड़कियां जानती थी कि उनके साथ स्कूल में क्या होने वाला है। वो जानती जहां वो जा रही हैं वहां उनकी इज्जत तार हो जाएगी, उनके जिस्म से खेला जाएगा, लेकिन डर के मारे वो अपने परिवार को भी कुछ न बता पाईं। जींद के एक सरकारी स्कूल में सालों से जो चला रहा था वो जब सामने आया तो सबकी रुंह कांप गई। 142 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न।
जींद के सरकारी स्कूल में ये कैसा डर्टी गेम?
हरियाणा के जींद के सरकारी स्कूल में 6 साल से बेहद गंदा खेल खेला जा रहा था। बच्चियों के जिस्म को रौंदा जा रहा था। उनके साथ अश्लील हरकतें की जा रही थी। सरकारी स्कूल होने की वजह से आमतौर पर यहां थोड़े गरीब परिवार की बच्चियां आती हैं। माता पिता बच्चियों की अच्छी शिक्षा के लिए उन्हें स्कूल भेजते हैं, लेकिन इस स्कूल में उन बच्चियों पर गंदी नजर थी और वो भी किसी और नहीं बल्कि खुद इस स्कूल के प्रिंसिपल की।
प्रिंसिपल की छात्राओं पर थी ‘गंदी नजर’
स्कूल के प्रिंसिपल पर एक दो नहीं बल्कि 142 छात्राओं ने आरोप लगाए हैं। आरोप गंदी तरह से देखने के, आरोप गंदी तरह से छूने, आरोप यौन शोषण करने के, आरोप मानसिक उत्पीड़न के। ये प्रिंसिपल स्कूल में आने वाली छात्राओं के साथ गलत हरकत करता था और ये खेल पिछले 6 साल से चल रहा था। डर के मारे छात्राएं किसी से कुछ नहीं बोल पाईं। वो वैसे ही स्कूल में हो रहे हैं यौन उत्पीड़ को झेलती रहीं। जाती तो किसके पास, किससे करें शिकायत, जब खुद स्कूल प्रिंसिपल ही इस गंदे काम में लगा हुआ था। अगर बतातीं तो स्कूल से नाम कट जाता।
142 छात्राओं के साथ किया गया यौन उत्पीड़न
इसी बात का फायदा उठा रहा था यहां का प्रिंसिपल। सालों तक स्कूल को अय्याशी का अड्डा बना दिया था इस प्रिंसिपल ने, लेकिन इसी महीने अगस्त में आखिरकार कुछ छात्राओं ने अपने परिवार की मदद से इस गंदे खेल से बाहर आने की कोशिश की। कुछ छात्राओं ने राष्ट्रपति को इस संबंध में एक खत लिखा, जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई और पूरे मामले की जांच शुरू हुई।
एक छात्रा ने सितंबर में महीने में किया सुसाइड
कुल 346 छात्राओं के बयान लिए गए, जिनमें से 142 छात्राओं ने बताया कि उनके साथ अश्लील हरकतें हुई, यौन शोषण किया गया। 142 छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ बयान दिया। इस घटना के थोड़े समय बाद 30 सितंबर को एक छात्रा ने अपने घर में आत्महत्या भी कर ली।
हालांकि परिवारवालों ने इस मामले में कुछ नहीं कहा, लेकिन लड़कियां बेहद दवाब में थी। स्कूल के प्रिंसिपल को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच जारी है, लेकिन इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 6 साल तक इस तरह के गंदे का खेल को बच्चियों को सहना पड़ा जो कोई आसान नहीं था। देखने की बात ये है कि इस मामले में प्रिंसिपल के अलावा और कौन-कौन शामिल था। इस बात की सूचना क्या स्कूल के दुसरे अध्यापकों को नहीं थी और अगर थी तो उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई।
Author: samachar
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