आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
राम रहीम (Ram Rahim) के नाम से कौन वाकिफ नहीं होगा। डेरा सच्चा सौदा का चीफ रह चुका राम रहीम अपने काले कारनामों को लेकर चर्चा में हमेशा रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों से वो चर्चा में है अपनी पैरोल को लेकर। एक दो बार नहीं रेप और हत्या के दोषी को 7 बार पैरोल मिल चुकी है। कभी बीमारी के नाम पर, कभी किसी दूसरी वजहों से ये बाहर ही रहता है। साल 2020 से अगर इसके पैरोल के दिन गिने तो ये कई महीनों से भी ज्यादा हो जाएंगे। सवाल ये कि इतने खतरनाक क्रिमिनल को क्यों बार-बार जेल से बाहर छोड़ा जा रहा है। कभी चालीस दिन के लिए, कभी 56 दिन लिए कभी 65 दिन के लिए क्यों आखिर रेप और हत्या का ये दोषी जेल से बाहर आ जाता है।
राम रहीम का क्राइम चिट्ठा जान लीजिए
राम रहीम को साल 2017 में पहली बार रेप के आरोप में सजा मिली थी, लेकिन ये मामला कई सालों से चल रहा था। पहली बार ये केस साल 2002 में सामने आया। 2002 में एक साध्वी ने उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक खत लिखा था जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न की बात की थी। इसके बाद ये मामला कोर्ट तक पहुंचा था और जांच सीबीआई के पास गई थी। कई सालों तक इस मामले में जांच चलती रही। सबूत इकट्ठा होते रहे। उस दौर में डेरा चीफ राम रहीम का बड़ा रुतबा था। इसके काफी ज्यादा फॉलोवर्स थे और इसका फायदा मिल रहा राम रहीम को।
साध्वी के साथ किया था राम रहीम ने रेप
साल 2007 में अंबाला में सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल हुई। हैरानी की बात ये थी कि इसमें एक नहीं कई और साध्वी के साथ भी रेप की बात थी। डेरा में साल 1999 और 2001 कईयों के साथ रेप करने का जिक्र चार्जशीट में था। बाद में ये मामला पंचकूला कोर्ट में शिफ्ट हुआ। साल 2018 में कोर्ट में डेरा चीफ के खिलाफ आरोप तय किए गए। कई सालों तक इस केस की सुनवाई होती रही। पूरे केस के दौरान 52 गवाहों को पेश किया गया। इस मामले में दो पीड़ित भी सामने आए।
2017 में मिली थी रेप केस में 20 साल की सजा
आखिरकार साल 2017 में डेरा प्रमुख को रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी साबित किया गया। राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई। ये राम रहीम के काले कारनामों के खिलाफ न्याय की पहली जीत थी। अब राम रहीम जेल जा चुका था, लेकिन उसके कई और गुनाहों की सजा मिलनी बाकी थी।
पत्रकार की करवाई थी डेरा प्रमुख ने हत्या
इसके बाद राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी पाया गया। दरअसल पत्रकार ने साध्वी बलात्कार मामले को अपने अखबार में छापा था जिसके बाद नवंबर 2002 में उसकी गोली मारकर हत्या करा दी गई। साल 2006 में इस मामले को सीबीआई के को सौंपा गया था। इस मामले में भी जांच चलती रही
पूर्व डेरा प्रमुख की रंजीत सिंह का भी करवाया कत्ल
इसी तरह राम रहीम ने साल 2002 में ही एक और हत्या भी करवाई। ये हत्या करवाई गई डेरा के पूर्व प्रमुख रंजीत सिंह की। दरअसल साध्वी के यौन शोषण के बारे में जो चिट्ठी लिखी गई थी उसका संबंध रंजीत सिंह से भी था और ये बात राम रहीम को पसंद नहीं आई। जुलाई 2002 डेरा के कुछ लोगों की मदद से ही राम रहीम ने रंजीत सिंह की हत्या करवा दी। इस मामले में भी जांच हुई राम रहीम दोषी पाया गया और उसे उम्र कैद की सजा मिली।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."