ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
….सब्जी ले लो सब्जी। फरीदाबाद की सड़कों पर इस तरह की आवाज देते-देते वो बड़ा बिजनेसमैन बन गया। सिर्फ 6 महीने में उसके अकाउंट में 21 करोड़ रुपये आ चुके थे। उसके फोन पर रोज विदेशों से कॉल आती थी। सिर्फ 6 महीने में उसका नेटवर्क सिंगापुर, चीन, और हांगकांग तक पहुंच चुका था। फरीदाबाद का सब्जीवाला बन चुका था मिलिनियर।
गुरुग्राम का सब्जीवाला कैसे 6 महीने में बना करोड़पति?
ऋषभ शर्मा उम्र होगी करीब 40 साल के आसपास। कई सालों से सब्जी और फलों की दुकान लगाकर अपना खर्च चलाता था और अपने परिवार को पाल रहा था, लेकिन कोविड ये सहारा खत्म कर दिया। दुकान बंद हो गई, पैसों के लाले पड़ गए। ऋषभ ने हालात से लड़ने के लिए एक नई राह चुनी। एक ऐसी राह जो उसे पैसों के करीब ले गई, लेकिन उस राह का अंत बेहद खतरनाक था।
सब्जी वाले का विदेशी होटल से क्या कनेक्शन था?
खैर सब्जी की दुकान बंद हुई तो इस शख्स के शातिर दिमाग में एक खतरनाक प्लान ने घर किया। इसका एक दोस्त इसे मिला और दोनों ने मिलकर एक होटल की वेबसाइट तैयार की। इनके प्लान का ये पहला कदम था। होटल को नाम दिया गया मैरियट बॉनवॉय होटल।
ऐसा कोई होटल था ही नहीं, लेकिन वेबसाइट में ये एक बेहद आलीशान विदेशी होटल नजर आता था। वेबसाइट इतनी अट्रैक्टिव थी कि कोई भी धोखा खा जाए।
होटल वेबसाइट से कैसे जुड़ने लगे लोग?
अब अगला कदम था। इस वेबसाइट के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाना। इसने लोगों फोन नंबर इकट्ठा किए। कोविड के वक्त ज्यादातर लोग घरों में थे। लोगों की नौकरियां जा चुकी थी। खाली वक्त और पैसों की कमी ने लोगों की सोचने समझने की शक्ति काफी कम कर दी थी। बस इसी का फायदा उठाया इस शातिर सब्जी वाले ने। इसने लोगों से पर्सनली कॉन्टेक्ट किया और वेबसाइट के बारे में बताया। इसने बताया कि ये अगर वो इस होटल की तारीफ में अच्छे रिव्यू लिखेंगे तो उन्हें बदले में 10 हजार रुपये मिलेंगे।
क्यों ये लोगों को बांट रहा था 10 हजार रुपये?
पेड रिव्यू के नाम पर इसने इसी तरह कई लोगों को अपने जाल में फंसाया। ये लोगों को 10 हजार रुपये भी दे देता। लोगों का इसके काम पर भरोसा बढ़ने लगा। अब इसने लोगों के दिमाग पैसा कमाने का ये तरीका डाला। ये तरीका था इस होटल में इनवेस्ट करने का। लोग इसकी बातों में आने लगे। नए कस्टमर भी जुड़ने लगे क्योंकि इस वेबसाइट के काफी अच्छे रिव्यूज थे। लोगों को कहीं भी कोई फर्जीवाड़ा नहीं लगा। अब इसके पास काफी पैसा आ चुका था। न सिर्फ फरिदाबाद, दिल्ली और गुड़गांव बल्कि देश के कई शहरों में लोग इसके जाल में फंस चुके थे।
विदेशों से जुड़ने लगे सब्जीवाले के तार
इसने विदेशों के साइबर क्रिमिनल्स से भी दोस्ती करनी शुरू कर दी। चीन, सिंगापुर में इसने कई कंपनियों से कॉन्टेक्ट किया जो भारत में साइबर क्राइम फैलाने का काम करती हैं। ये उनके साथ मिलकर काम करने लगा। कई शहरों में इसके एजेंट फैले हुए थे। जो लोगों को पेड रिव्यू के नाम पर वेबसाइट से जोड़ते थे और फिर उनसे धीरे-धीरे पैसे ऐंठते थे। ये पैसा हवाले के जरिए विदेशों तक भी जाता था और ऋषभ के अकाउंट में भी आता था।
सिर्फ 6 महीने में कमा लिए 21 करोड़ रुपये
इसी तरह पिछले करीब तीन साल से ये काला कारोबार चल रहा था। सब्जी बेचने वाला अब एक अमीर बिजनेसमैन बन चुका था जिसके पास पैसा, ऐशो-आराम सब कुछ था, लेकिन कहते हैं न काले काम का अंत कभी न कभी जरूर होता है। वैसे तो ऋषभ के नाम पर अलग-अलग शहरों में कई शिकायतें दर्ज हो चुकीं थीं लेकिन अब तक ये पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा था। इसी बीच इसने देहरादून के एक शख्स को भी अपने जाल में इसी तरह फंसाया। पहले पेड रिव्यू और फिर होटल में पैसा लगाकर दुगना पैसा देने का वादा। ये उस शख्स से 20 लाख रुपये ले चुका था, लेकिन बाद में ये गायब हो गया।
गुरुग्राम में रहकर चल रहा था ये गोरखधंधा
देहरादून के इस शख्स ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच शुरू की तो इस रैकेट के तार दूर-दूर तक जुड़ते नजर आए। कई राज्यों में रिषभ के खिलाफ केस दर्ज थे। पुलिस के मुताबिक करीब 630 केस इस सब्जीवाले के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं। पुलिस ने इसके बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि ये इन दिनों गुरुग्राम में रह रहा है। इसका बैंक अकाउंट भी गुरुग्राम के एक बैंक में ही। पुलिस ने छापा मारा और पिछले हफ्ते इसे गिरफ्तार किया गया। इसके अकाउंट में 21 करोड़ रुपये होने की जानकारी मिली है। अब पुलिस जांच कर रही है कि विदेशों में किस-किस से इसके तार जुड़े हुए थे और किन लोगों को ये होटल के नाम पर ठग चुका है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."