सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा होने के बाद सीतापुर जेल में बंद सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान के जौहर ट्रस्ट से जिस तरह एक के बाद एक सरकारी जमीनें, सरकारी इमारतें छीनी जा रही हैं, उससे साफ हो गया है कि आजम ने सपा सरकार में सरकारी भवनों और जमीनों पर कब्जा कर अपना साम्राज्य खड़ा किया था।
आजम खान पुराने और मझे हुए सियासी खिलाड़ी है। वकालत की पढ़ाई करने के कारण कानूनी दांव-पेच को जानते हैं। उन्होंने कानून की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए सपा सरकार में एक के बाद एक सरकारी जमीनों और भवनों को लीज पर लिया था। ज्यादातर मामलों में बाई कैबिनेट से सर्कुलर लाकर जौहर ट्रस्ट को लीज कराई गई। अरबों की प्रॉपर्टी, महज सौ-दो सौ रुपये के सालाना पट्टे पर हासिल की गई। 2017 में सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद से ऐसे गड़बड़झाले पर अंकुश लगने लगा। सत्ता बदली तो आजम का रसूख भी गया और एक के बाद एक सरकारी जमीन-भवन भी उनके जौहर ट्रस्ट से छिनने लगे।
ग्राम सभा से बदल ली थी 12.5 एकड़ जमीन
राजस्व विभाग के अभिलेखों में देखें तो जौहर ट्रस्ट द्वारा जौहर विश्वविद्यालय बनाने के लिए 12.5 एकड़ जमीन सींगनखेड़ा की ग्राम पंचायत से बदले में प्राप्त की गई थी। यानी, जौहर ट्रस्ट के पास अपनी जो 12.50 एकड़ जमीन थी, वह यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर थी। एक्सचेंज आर्डर खारिज होने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में अब ट्रस्ट की कोई जमीन नहीं है। भू माफिया घोषित किए जा चुके हैं आजमकोसी नदी की परती भूमि, चकरोडों पर कब्जा, शत्रु संपत्ति पर कब्जा, दलितों की जमीनों पर कब्जा, किसानों की जमीनों पर कब्जा आदि को लेकर सपा नेता आजम खां यूपी सरकार के एंटी भू-माफिया पोर्टल पर इंद्राज हैं। उन्हें सरकार भू-माफिया घोषित कर चुकी है।
नगर विधायक की शिकायत पर हुईं कार्रवाई
रामपुर के वर्तमान नगर विधायक आकाश सक्सेना ने मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की ओर से संचालित जौहर यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने आरोप में कहा था कि यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है। राज्य सरकार की ओर से जौहर ट्रस्ट को वर्ष 2005 में 12.50 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति दी। इस अनुमति के साथ शर्तें भी लगाई गईं। इसमें कहा गया कि वह गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाएगी। चैरिटी का कार्य करेगी। विधायक ने आरोप लगाया कि जौहर ट्रस्ट शर्तों का अनुपालन नहीं कर रही है। तत्कालीन भाजपा नेता की शिकायत सरकार के पास पहुंची तो रामपुर प्रशासन को जांच का आदेश दिया गया, जिसमें हकीकत सामने आ गई।
मनमाने ढंग से दी गई लीज
जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने कहा कि सरकारी जमीनों और भवनों को जौहर ट्रस्ट को मनमाने तरीके से लीज पर दिया गया। जिसमें तत्कालीन मंत्री ने अपने पद और रसूख का दुरुपयोग किया, अब जब योगी सरकार में एक के बाद एक जांच हुईं तो परतें खुलती चली गईं और कभी जौहर विवि तो कभी रामपुर पब्लिक स्कूल से सरकारी जमीन-भवन खाली कराए गए। इसी क्रम में जौहर ट्रस्ट से अब सपा कार्यालय और रामपुर पब्लिक स्कूल की एक और विंग का कब्जा हटेगा।
एक नजर में
-राजस्व परिषद के आदेश पर 17.5 एकड़ चकरोड़ों की जमीन पर प्रशासन ने कब्जा लिया।
-जौहर विवि में नियम विरुद्ध ली गई 20 दलितों की जमीन वापस कराई
-पान दरीबा में मदरसा आलिया के भवन से रामपुर पब्लिक स्कूल का कब्जा हटवाया गया।
-आलियागंज और सींगनखेड़ा के किसानों की जमीनों पर जौहर विवि का कब्जा था, जिसे प्रशासन ने हटवाया।
-100 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन जौहर विवि में थी, जिसे प्रशासन ने खाली कराकर राज्य सरकार में निहित की।
-जौहर शोध संस्थान की लीज निरस्त कराकर रामपुर पब्लिक स्कूल का कब्जा हटवाया गया।
-यतीमखाना को जबरन खाली कराकर रामपुर पब्लिक स्कूल बन रहा था, जिसके निर्माण पर रोक लगी।
-मुर्तजा इंटर कालेज, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय भवन पर कब्जा कर आरपीएस खोला, जो अब खाली कराया जाएगा।
-तोपखाना रोड स्थित सपा दफ्तर का कब्जा सरकारी भवन से हटेगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."