Explore

Search

November 2, 2024 12:01 pm

“दामाद मैं और मजे तुम्हारे, वाह भाई वाह”…और दहेज में मांग लिया पाकिस्तान…अटल जी की कुछ बातें आज भी गुदगुदाती है 

4 Views

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

गोरखपुर। बहुमुखी प्रतिभा के धनी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) आज हम सबके बीच में नहीं हैं। लेकिन उनके किस्से आज भी जनता के दिलों में जिंदा है। आज उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर हम आपको उनका एक मजेदार किस्सा बताने वाले हैं। जिसे सुनकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। लोग उन्हें एक लोकनायक, नेतृत्व कर्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री और एक विख्यात कवि सहित विभिन्न रूपों में याद कर रहे हैं। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी अपने चुटीले अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। पूर्व प्रधानमंत्री का गोरखपुर से गहरा और मधुर नाता रहा है। यहां वह 1940 में पहली बार सहबाला बनकर आए थे। इस बात का जिक्र यहां आने पर वह हमेशा किया करते थे।

अटल जी ने कर दी थी अनोखी डिमांड

मामला सन् 1999 का है। जब पीएम की कुर्सी पर अटल बिहारी वाजपेयी बैठे थे। उन दिनों उन्होंने पाकिस्तान से रिश्तों को मधुर बनाने के लिए बस चलवाई थी। खास बात तो ये थी कि खुद अटल बिहारी वाजपेयी भी इस बस से पाकिस्तान गए थे। इसी दौरे के दौरान जब उन्होंने पाकिस्तान में मीडिया से बात की थी। उस वक्त ही महिला पत्रकार ने मुंह दिखाई में कश्मीर मांगा था। जिसके बदले दहेज में अटल जी ने पूरा पाकिस्तान की डिमांड कर दी थी।

गोरखपुर में उनके बड़े भाई का ससुराल है। वह पहली बार सन 1940 में सहबाला बनकर भाई की बारात में आए थे। तब से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक उनका गोरखपुर कई बार आना जाना हुआ। इस दौरान वह भाई की ससुराल जाना नहीं भूलते थे, जहां से उनका एक विशेष लगाव था। जब भी आते कोई ना कोई बहाना भाई के ससुराल जाने का ढूंढ ही लेते। अपने जीवन काल में हर छोटे-बड़े पारिवारिक कार्यक्रमों में शरीक होने और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वह यहां आते रहते थे।

गोरखपुर के दुर्गाबाड़ी स्थित चरण लाल चौक चौराहा के पास मथुरा प्रसाद दीक्षित का आवास है। उनके दो पुत्र और पांच पुत्रियां थीं। इनमें से एक पुत्री रामेश्वरी का विवाह अटल जी के बड़े भाई प्रेम बाजपेयी से 1940 में हुआ था। भाई की बारात में अटल बिहारी वाजपेयी का गोरखपुर में प्रथम आगमन सहबाला के रूप में हुआ था। इस दौरान उनकी खूब आव भगत हुई थी। उस वक्त अटल जी बहुत छोटे थे, कोई नहीं जानता था कि यह बालक एक दिन देश का बहुत बड़ा नेता और प्रधानमंत्री बनेगा।

जब भी वह गोरखपुर आते अपने भाई की ससुराल जरूर जाते, जहां उनकी खूब आव भगत होती थी। करीबी लोगों का यह भी मानना है कि गोरखपुर आने का कोई बहाना वह छोड़ते नहीं थे। यहां तक कि उनके बड़े भाई प्रेम बाजपेयी ने एक बार मजाकिया अंदाज में अटल जी से कहा था कि ‘ससुराल मेरी है और मजे तुम उड़ाते हो, दामाद मैं और मौज तुम्हारी , वाह भाई खूब’। इसका जिक्र खुद अटल जी ने एक बार अपने संबोधन में किया था।

हालांकि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह तीन बार गोरखपुर आए थे। लेकिन प्रोटोकॉल के कारण सिर्फ एक बार ही उनका घर पर आना हो पाया था। घर आने पर उनका अंदाज पूरी तरह पारिवारिक होता था। उन्हें भोजन में कढ़ी, चावल, हरी मटर का निमोना और खीर बहुत पसंद था। जब भी अटल आते उनके लिए यह व्यंजन जरूर बनाये जाते थे। एक दामाद की तरह बड़े भाई की ससुराल में उनकी खूब और भगत होती थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद अटल जी ने 1998 में दिग्विजय नाथ डिग्री कॉलेज के प्रांगण में एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा था कि गोरखपुर के लोगों से मेरा विशेष लगाव और नाता है। यहां मेरी ससुराल है और यहां के लोगों से मेरा खास रिश्ता है।

पाकिस्तानी पत्रकार ने रखा शादी का प्रस्ताव

देश के 3 बार पीएम बनने वाले अटल जी अपने हाजिर जवाबी के लिए भी काफी जाने जाते थे। एक बार तो उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) को लेकर कुछ ऐसा बोल दिया था कि पूरा भारत उनका फैन हो गया था। दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान की महिला पत्रकार ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया।

मुंह दिखाई में मांगा कश्मीर

इसके साथ ही मुंह दिखाई में कश्मीर मांग लिया। महिला पत्रकार के इस प्रस्ताव पर अटल जी ने जो जवाब दिया। वो काफी मजेदार था। अटल जी ने महिला पत्रकार के शादी के प्रस्ताव को सुनकर कहा कि फिर हमे दहेज में पाकिस्तान चाहिए। पूर्व पीएम अटल जी के जवाब को सुनकर पूरे हॉल में ठहाके गूंजने लगे। इतना ही नहीं वो पाकिस्तानी महिला पत्रकार भी मुस्कुरा उठी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."