सौम्या अवस्थी की रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर मणिपुर का बताया जा रहा है एक बेहद भयानक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दो महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता दिख रहा है। दरिंदगी की सारी हदें पार होती दिख रही हैं। नग्न अवस्था में उनकी परेड कराई जा रही है। इस हैवानियत में लोगों की भीड़ शामिल है।
इंडिया टुडे नॉर्थ ईस्ट पर छपी खबर के मुताबिक महिलाओं को धान के खेतों में ले जाया गया और उनका गैंगरेप हुआ। इस दौरान उन्हें ऐसी यातनाएं दी जा रही हैं, जिन्हें हम और आप देख तक नहीं सकते। महिलाएं रोए जा रही हैं, लेकिन किसी को तरस नहीं आ रहा।
वीडियो सामने आने के बाद इंडिजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी निंदा की है। ITLF के मुताबिक मणिपुर में जातीय संघर्ष के बीच दो कुकी-ज़ो आदिवासी महिलाओं का गैंगरेप किया गया। ITLF की प्रेस रिलीज में दावा किया गया है कि घटना 4 मई की है। घटनास्थल कांगपोकपी ज़िले का ‘बी. फीनोम’ गांव बताया गया है।
निंदा का बयान जारी करने वाले ITLF के मीडिया प्रभारी गिंज़ा वुआलजॉन्ग से दी लल्लनटॉप ने बात की। उन्होंने कहा,
“हमें ये जानकारी मिली थी कि मैतेई गुटों द्वारा कुकी महिलाओं के रेप की घटनाएं हुईं. लेकिन 4 मई को हुई इस घटना का वीडियो जिस तरह अब वायरल हुआ है, उससे ITLF भी हतप्रभ है। हम अपने स्तर पर इस घटना की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। हमें ये जानकारी मिली है कि इस मामले में पुलिस को तहरीर दी गई। अगर शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई, तो हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे।”
जानकारी के मुताबिक इस मामले में पुलिस से शिकायत की गई है। पुलिस को दी गई शिकायत में गांव के मुखिया ने इस घटना का पूरा ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक 4 मई की दोपहर 3 बजे के आसपास लगभग 900-1000 लोगों की भीड़ उनके गांव ‘बी. फीनोम’ आई, जो संभवतः मैतेई संगठनों के लोग थे. उनके पास भारी मात्रा में ऑटोमैटिक हथियार थे। उन लोगों ने गांव के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट के बाद आग लगा दी थी।
भीड़ से जान बचाने के लिए 3 महिलाएं और 2 पुरुष जंगलों की तरफ भागे। उन्हें पुलिस की एक टीम बचाकर पुलिस स्टेशन ले जाने लगी, लेकिन एक भीड़ ने उन लोगों का रास्ता रोक लिया। हिंसक भीड़ पुलिस से जबरन इन पांच लोगों को छुड़ा ले गई। फिर 56 साल के एक आदमी को भीड़ ने वहीं मार डाला। 21 साल, 42 साल और 52 साल की तीन महिलाओं के कपड़े फाड़े और निर्वस्त्र करके जुलूस निकाला और इस सबका वीडियो भी बनाया।
इसके बाद ये भीड़ धान के खेतों की ओर गई, जहां 21 साल की लड़की का उसके 19 साल के भाई के सामने गैंगरेप किया गया। भाई ने जब अपनी बहन को बचाने की कोशिश की तो उसकी हत्या कर दी गई। बाद में तीनों महिलाएं कुछ लोगों की मदद से वहां से भाग निकलीं।
ITLF की प्रेस रिलीज में कहा गया है,
“इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातना अपराधियों के उस वीडियो को शेयर करने से बढ़ गई है, जिससे सोशल मीडिया पर पीड़ितों की पहचान जाहिर हो रही है।”
ITLF ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग इसका खुद संज्ञान ले और पीड़ितों को इंसाफ देने के लिए हर जरूरी कदम उठाए।
द हिंदू ने अपनी एक रिपोर्ट में पुलिस सूत्र के हवाले से बताया कि मामले में 18 मई को कांगपोकपी पुलिस स्टेशन में एक जीरो FIR दर्ज की गई थी। इसे 21 जून को थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में शिफ्ट किया गया।
पुलिस के मुताबिक अज्ञात हथियारबंद आरोपियों के खिलाफ अपहरण, गैंगरेप और हत्या आदि का केस दर्ज है। FIR में एक पीड़िता के साथ गैंगरेप की बात लिखी है। हालांकि,Scroll की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की पीड़िता ने गैंगरेप की बात से इनकार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने कहा है कि भीड़ उसे खींचकर खेत ले गई थी, हालांकि वो बच गई। मणिपुर पुलिस ने कहा है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।
बता दें, FIR आमतौर पर उसी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध हुआ हो। वहीं ज़ीरो FIR क्षेत्र की परवाह किए बिना किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है। उसे बाद में संबंधित पुलिस स्टेशन शिफ्ट किया जाता है।
Author: samachar
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