आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
एसडीएम ज्योति मौर्य और सफाई कर्मचारी आलोक की कहानी को लेकर तमाम दावे और झूठ-सच को लेकर लोग अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। 2023 के इस दौर में इस मामले में कई परिवारों का नैरेटिव बदल दिया है।
शादी के बाद लड़कियों की पढ़ाई और जीवन में कुछ करने की मंशा का लोगों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, ज्योति और आलोक की कहानी में कौन सच्चा है और कौन झूठा, इसका फैसला अभी नहीं हो सका है। लेकिन, ज्योति के मायके के ग्रामीणों की बातें आलोक के दावों को पुख्ता कर रही हैं।
एसडीएम ज्योति मौर्य का नाम बीते कई दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। पति आलोक मौर्य से विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग बहस छिड़ी हुई है। हर कोई इन दोनों की शादी और ज्योति मौर्य को एसडीएम बनने में उनके पति के सपोर्ट को लेकर बात कर रहा है। दोनों को लेकर मीम्स की तो बाढ़ सी आ गई है। हालांकि, वाराणसी में रहने वाला ज्योति मौर्य का परिवार इस पर कुछ भी बोलने से बचता नजर आ रहा है। उनका कहना है कि आलोक के परिवार ने झूठ बोला था, जबकि उनके आस-पास के लोग कह रहे हैं कि ज्योति के परिवार को सब पता था।
कहने को ये कहानी अब पूरी फिल्मी हो चुकी है। एक तरफ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मेहनत है, तो दूसरी तरफ एसडीएम बनकर बेवफाई करने वाली उसकी पत्नी। किसकी कहानी कितनी सच है। ये अभी पता नहीं चल सका है। क्योंकि, इन दोनों कहानियों में दोनों ही खुद को सच बता रहे हैं। ज्योति मौर्य के पिता का कहना है कि आलोक के परिवार ने हमें झूठ बोलकर उसे ग्राम पंचायत अधिकारी बताया था। जबकि, आलोक के पिता का कहना है कि हमने कार्ड में कोई पद नहीं छपवाया। इन्हें आलोक के काम के बारे में पहले से पता था।
हमसे झूठ बोला गया: इन विवादों के बीच सच जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम वाराणसी के चिरईगांव पहुंची। जहां ज्योति मौर्य का मायका है। ज्योति मौर्य के पिता ने कहा कि हमारे पास शादी का कार्ड है, जिसमें आलोक का पद ग्राम पंचायत अधिकारी बताया गया है। आलोक के पिता ने हमें यही बताया था।
जब शादी हुई, तब ज्योति थी बीए पास: वहीं, उनके गांव के लोगों का कुछ और ही कहना है। एक ग्रामीण ने बताया कि अगर किसी ने मेहनत करके अपनी पत्नी को इतना पढ़ाया लिखाया तो उसको यह इनाम नहीं मिलना चाहिए कि हम उसको छोड़ दें। शादी के दो से तीन साल के बंधन में वह रहीं। उन्हें कैसे नहीं पता चला कि उनका पति अधिकारी है कि चपरासी। जब आप अधिकारी हो गईं, तब पता चला कि आपका पति चपरासी है। इससे इस समाज में बहुत गंदा संदेश गया है। ज्योति मौर्य की जब शादी हुई थी, तब वह बीए पास थीं. इनको मालूम था कि जिससे उसकी शादी होने जा रही है वह चपरासी है।
पूरे गांव को पता था सच: ग्रामीण ने बताया कि उस समय वे लोग किसी अधिकारी के घर शादी करने की स्थिति में नहीं थे। उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि आलोक मौर्य चपरासी पद पर है। पूरे गांव को यह पता था। ज्योति मौर्य पढ़ने में अच्छी थी। इसी को देखकर आलोक मौर्य के पिता ने उनकी शादी की थी। इसके बाद उनके परिवार ने उनकी कोचिंग कराई और पढ़ाई-लिखाई कराई। ग्रामीणों का कहना है कि आलोक का परिवार सही है।
शादी के कार्ड पर लिखे हुए हैं दोनों के पद: ज्योति मौर्य का परिवार वाराणसी के चिरई गांव का रहने वाला है। यहां ज्योति का मायका है। उनकी शादी आजमगढ़ के आलोक के साथ हुई है। इस पूरे विवाद में ज्योति का परिवार शादी का कार्ड दिखा रहा है। इसमें दोनों पक्ष का नौकरी पेशा लिखा हुआ है। कार्ड में जहां आलोक को ग्राम पंचायत अधिकारी बताया गया है। वहीं, ज्योति के नाम के नीचे अध्यापिका लिखा है। अब इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि ग्रामीणों का कहना है कि ज्योति शादी के वक्त कुछ नहीं कर रही थी और सिर्फ बीए पास थी। ऐसे में ज्योति के परिवार के दावों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही ज्योति: अब आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य में से कौन सही है। इसका फैसला अब कोर्ट करेगी। लेकिन, इन दोनों के विवाद को लेकर सोशल मीडिया ने सही-गलत का बेड़ा अपने-अपने जिम्में उठा रखा है। इसमें सबसे ज्यादा ट्रोल ज्योति मौर्य हो रही हैं। उनके ऊपर कई वीडियो और मीम्स बनाए जा रहे हैं। वहीं, इस बीच ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि ज्योति मौर्य का मामला सामने आने के बाद ऐसे अन्य लोग जिन्होंने अपनी पत्नियों को तैयारी के लिए घर से बाहर भेजा हुआ है, वो उन्हें वापस बुला रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि वो भी ऑफिसर बनने के बाद उन्हें छोड़कर न चली जाएं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."