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बलरामपुर

महिला स्वावलंबन के लिए नगर बलरामपुर में गतिरोध और धारतल की समस्याओं का सामना

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बलरामपुर। कामकाजी महिला सेवा समिति द्वारा जनपद बलरामपुर में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्वावलंबन को बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं। इस पहल के तहत हर ग्राम पंचायत में महिलाओं द्वारा एक उद्देश्य के साथ समय बिताने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकारी विभाग भी सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

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लेकिन बलरामपुर के कुछ विकास खंडों में कुछ गिरोह बंद लोगों द्वारा विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत की गई है और वे धारतल पर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। इन गिरोहों ने एक समूह के नाम पर राशन वितरण, मनरेगा, मेट, बीसी सखी, शौचालय केयरटेकर जैसे पदों पर कब्जा जमा लिया है। 

वहीं, कुछ महिलाएं जो गरीब, पिछड़े, दलित समाज से हैं, जिनमें से कई समूह की बहनों को दो साल से भी कोई काम नहीं मिला है नाही एक पैसा मिला समूह को संगठित करते हुए उनके कार्यों में सुधार के लिए समूह सखी की नियुक्ति हुई उन्हें भी पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है। वही शौचालय पर केयरटेकर जो काम कर रही हैं उनके पारिश्रमिक में कटौती हो रही है कुछ तो प्रभावशाली घर के समूह के द्वारा केयरटेकर के पद पर नियुक्ति है वह पूर्णतया बंद रहता है। शौचालय आज तक खुला ही नहीं। इसका कौन जिम्मेदार है?

जनपद बलरामपुर में आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन वितरण में बहुत धांधली की गई। ब्लॉक ऊपर खंड विकास अधिकारियों की गठजोड़ से एक व्यक्ति को सारे राशन की जिम्मेदारी दे दी जाती है। वह अपने निजी गाड़ी से आंगनबाड़ी से सेटिंग करके राशन वितरण में कटौती कर आता है ।

बाल विकास विभाग पूरा जिम्मेदार है

आंगनबाड़ी लाभार्थियों से सत्यापन कराया जाए तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है। आंगनबाड़ी के लाभार्थियों को कोटेदार द्वारा निर्धारित मात्रा में चावल भी देना है लेकिन पूरे जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्री इन से अनजान बनी बैठी। वही राशन ढुलाई के नाम पर समूह के खाते में लाखों लाख का भुगतान हो रहा है सरकार के सरकारी योजना पर चूना लगाने वाले मालामाल हो रहे हैं।

महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों के लिए कोई प्रशिक्षण की व्यवस्था पर्याप्त नहीं निर्मित किया गया। सामान की बिक्री की भी व्यवस्था नहीं है। कागजों में ग्राम संगठन बनाए जा रहे हैं। ब्लॉकों में ब्लॉक मिशन प्रबंधक की नियुक्ति है जो लंबे समय से एक ही ब्लॉक में रहकर समस्त लूट के कार्यक्रमों को अंजाम दे रहे हैं।

आखिर कब इन महिलाओं की व्यथा को जिला प्रशासन सुनेगा? देश की आधी आबादी महिलाओं की है। इन्हें स्वावलंबन की गति में लाने के लिए महिला सशक्तिकरण की प्रमुख जरूरत है। इस आशा के साथ कामकाजी महिला सेवा समिति उत्तर प्रदेश द्वारा स्थानीय संगठनों और ट्रेड यूनियनों के माध्यम से समूह से जुड़ी सभी बहनों की समस्याओं को निराकरण करने के लिए 7 जून से ब्लॉक बार ज्ञापन तथा जून के अंतिम सप्ताह में जनपद बलरामपुर के राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़े उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा।

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"ज़िद है दुनिया जीतने की" "हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं"
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