दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
वाराणसी: शिरडी के साईं बाबा पर धीरेंद्र शास्त्री के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है । बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा पर एक बयान दिया है, जिसके बाद देश में एक नई बहस शुरू हो गई है। अब इस बहस के बीच में अखिल भारतीय संत समिति भी कूद गई है। बुधवार को अखिल भारतीय संत समिति ने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में बयान जारी करके कहा कि किसी भी साधु-संत या सन्यासी के भगवान मानने पर संत समाज को आपत्ति है।
भगवान के समकक्ष नहीं मान सकते किसी संत फकीर को
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के प्रति अपना समर्थन जताया। स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि संत समाज को किसी भी साधु-संत या फकीर के वंदनीय होने में कोई आपत्ति नहीं है। लोग चाहे तो इन साधु-संतों और फकीरों की वंदना करें, सम्मान करें, लेकिन भगवान के समकक्ष दर्जा देना, यह संत समिति को स्वीकार नहीं है। ये एक गलत परम्परा शुरू हुई है और संत समाज इसका विरोध करता है।
पूर्व में शंकराचार्य भी कर चुके हैं विरोध
उन्होंने कहा कि ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य दिवंगत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने भी शिरडी वाले साईं बाबा को भगवान के समकक्ष मानने पर गहरी आपत्ति जताई थी। अपने जीवन काल में उन्होंने मध्य प्रदेश के कई मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटवाई थीं। शिरडी के साईं बाबा को लेकर विवाद कोई नया नहीं है, लेकिन इस बीच लगातार चर्चा में बने रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा प्रकरण में अपना बयान दिया है, जिसके बाद से एक बार फिर से शिरडी वाले साईं बाबा के नाम पर माहौल गर्म है।
Author: samachar
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