सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बीच दिल्ली दौरा तय हो गया है। चर्चा है कि सोनिया गांधी ने सीएम गहलोत को 25 सितंबर को दिल्ली बुलाया है। गहलोत 25 सितंबर को दिल्ली जाएंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम गहलोत दिल्ली नामांकन के लिए ही जा रहे हैं। सीएम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। हालांकि, सीएम गहलोत इनकार कर चुके हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी उनकी पहली पंसद है। लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल गए है। बताया जा रहा है कि शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। जबकि गांधी परिवार की पसंद अशोक गहलोत बताए जा रहे हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत 25 से 28 सितंबर तक दिल्ली में रहेंगे। सीएम गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ही असल तस्वीर सामने आएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू होगा। संभावना है कि इस पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर नामांकन दाखिल करेंगे। माना जा रहा है कि शशि थरूर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस बावत अनापत्ति मिल गई है। दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस पद के लिए उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन वह कथित तौर पर फिलहाल मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
सीएम गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है तो फिर राजस्थान की राजनीति में बदलाव तय माना जा रहा है। प्रदेश का सीएम कौन बनेगा इसका निर्णय सीएम गहलोत लेंगे। सीएम अशोक गहलोत सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम अपने वफादार शिक्षामंत्री बीडी कल्ला, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और रघु शर्मा पर दांव खेल सकते हैं। जातीय समीकरणों को लिहाज से सीएम गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी दांव खेल सकते हैं।
अशोक गहलोत के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए अगले सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं, लेकिन वह अभी भी राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख के तौर पर वापसी के लिए मान जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ही पार्टी के शीर्ष पद के लिए मुख्यमंत्री गहलोत की पहली पसंद हैं। सूत्रों का कहना है कि वह अपना नामांकन दाखिल करने से पहले “राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सूत्रों के मुताबिक, गहलोत, जो गांधी परिवार के कट्टर वफादार रहे हैं, को सोनिया गांधी द्वारा बार-बार पार्टी की कमान संभालने के लिए कहा गया है, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ने और प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता मिल जाने की चिंता है।
सचिन पायलट के आज सुबह दिल्ली पहुंचने से अटकलें का बाजार और गरम हो गया है कि राजस्थान में सत्ता स्थानांतरण अब तय है।
लेकिन गहलोत, जो एक शक्तिशाली नेता हैं और जिन्होंने अतीत में जब भी सचिन पायलट ने बड़ी भूमिका की मांग की है, प्रबल तरीके से उनके खिलाफ मुखर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपने एक वफादार को प्रतिनिधि के रूप में चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं हो सकता है, तो वह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करके दोनों भूमिकाओं को निभाने पर जोर दे सकते हैं।
हालांकि, कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
बहरहाल, ऐसा लगता है कि 20 से अधिक वर्षों में पहली बार कोई गैर-गांधी अध्यक्ष हो सकता है। 30 सितंबर तक नामांकन स्वीकार होने के बाद जरूरत पड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। इसके परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."