कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उन्नाव। आज विश्व पर्यावरण दिवस है। जहां एक ओर लोग पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिये संकल्प लेने के साथ वृक्षारोपण करते हैं। वहीं विकास के नाम पर पिछले कई सालों से शुक्लागंज उन्नाव फोरलने निर्माण के दौरान सैकड़ों पेड़ काट दिये गये थे। इधर बैराज मार्ग आरओबी निर्माण के दौरान भी कई पेड़ों का पतन किया गया है। लेकिन पर्यावरण को बनाने के लिये किसी ने नहीं सोचा है। जिसका नतीजा लोगों को कोरोना काल में देखने को मिला था। जिसमें ऑक्सीजन की कमी होने से लाखों लोगों की असामयिक निधन हो गया था।
वर्ष 2015-16 में उन्नाव शुक्लागंज फोरेलन निर्माण के दौरान 2 हजार 2 सौ 35 वृक्षों का पतन किया गया था। उसके स्थान पर मार्ग के दोनों ओर 4500 ब्रिकगार्ड वृक्षारोपण का कार्य प्रस्तावित था। लेकिन चौड़ीकरण के दौरान वृक्षों के कटान से पहले ही कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी द्वारा धनराशि (रुपये 3,12,93000.00) कैम्पा (प्रतिपूरक वनीकरण नियंत्रण वृक्षारोपण प्राधिकरण) कोष में जमा करा दी गई थी। वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद कैम्पा ने 2021 में उपरोक्त पौधरोपण धनराशि उन्नाव वन विभाग को लगभग 06 वर्ष पश्चात प्रदान की। जिससे प्रभाव यह पड़ा कि जब उन्नाव वन विभाग द्वारा पौधरोपण का कार्य प्रारंभ किया गया तब उन्होंने कहा कि उक्त मार्ग पर बाजार एवं रिहायशी इमारते बन जाने से भूमि का आभाव हो गया है।
12426 वृक्षों को काट दिया गया
अतः यंहा पर मात्र 1000 पौधों का रोपण ही मुमकिन है, शेष 3500 पौध रोपण राज्य के भिन्न-भिन्न मार्गों पर किया जायेगा। इसके साथ ही गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान उन्नाव मोहनलालगंज राजमार्ग के रास्ते में आ रहे 12426 वृक्षों को कटान किया जा चूका है। सम्पूर्ण राजमार्ग पर लाखो वृक्षों का कटाव होगा। वन विभाग के अधिकारीयों द्वारा यही कहा जाता है कि इनकी जगह दुसरे पौधे लगाए जायेंगे परन्तु कोई योजना धरातल पर दिखाई नहीं देती। जुलाई 2021 में उन्नाव जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 57 लाख पौधों का रोपण किया गया था। उचित देखभाल के आभाव में कोई सुधार नहीं हुआ।
पर्यावरण को पहुंच रहा भारी नुकसान
जिस प्रकार से प्रकृति का दोहन हो रहा है उसके परिणाम हमें अपने आस-पास ही दिखाई दे जाते हैं। आज चारो तरफ पर्यावरण संरक्षण की बात हो रही है। 17वीं वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार आज देश के मात्र 24.62ः भूभाग पर ही वन शेष बचे हैं, जबकि पर्यावरण संतुलन के लिए 33.33ः भूभाग पर इनका विस्तार होना चाहिए।
बैराज मार्ग आरओबी में काटे गये कई पेड़-बैराज मार्ग स्थित सरैयां क्रासिंग पर आरओबी का कार्य किया जा रहा है। जिसकी जद में आने वाले कई हरे पेड़ों को हाल ही में वन निगम ने कटवाया है। उसके एवज में एक भी पेड़ नहीं लगाये गए।
जद में आने वाले पेड़ों का हुआ चिन्हांकन
शनिवार को वन दरोगा रवीन्द्र सिंह मातहतों के साथ मरहला चौराहे पहुंचे और सड़क के मध्य से दोनों तरफ गेजमीटर से पैमाइश की। वन दरोगा ने बताया कि सड़क के मध्य से 14-14 मीटर दोनों तरफ पैमाइश की गई, जिसमें एक पड़ा वृक्ष जद में आया है और दस पेड़ों की शाखा सड़क पर हैं जिनको काटा जायेगा। जल्द ही पेड़ों की कटान का कार्य शुरू किया जायेगा। जिससे आरओबी का कार्य न प्रभावित हो सके।
Author: samachar
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