Explore

Search

November 2, 2024 9:03 pm

कवि कुमार विश्वास पर दर्ज केस के मामले में कुछ दिलचस्प बातें आईं सामने ; आप भी जानिए

7 Views

राकेश सूद की रिपोर्ट

पंजाब में कवि कुमार विश्वास पर दर्ज केस के मामले में दो दिलचस्प बातें सामने आई हैं। ये दोनों बातें अब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हैं। पहली बात तो ये है कि जिस केस में पंजाब पुलिस कुमार विश्वास के गाजियाबाद वसुंधरा स्थित घर पर पहुंची थी उसमें पुलिस ने शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा करने से इंकार कर दिया। दूसरी खास बात ये है कि जो एफआइआर दर्ज की गई है उसको पुलिस ने अब तक अपने वेब पोर्टल पर नहीं डाला है। जबकि इस तरह के मामले में किसी भी तरह के आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए पुलिस बहुत सावधानी बरतती है और सब कुछ शीशे की तरह साफ रखकर आगे बढ़ती है।

इससे पहले जब पंजाब पुलिस कुमार के घर पहुंची थी तो उन्होंने ट्वीट करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी। अपने ट्वीट में देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाते हुए लिखा था कि – ‘सुबह-सुबह पंजाब पुलिस द्वार पर पधारी है। एक समय, मेरे द्वारा ही पार्टी में शामिल कराए गए भगवंत मान को आगाह कर रहा हूं कि तुम, दिल्ली में बैठे जिस आदमी को, पंजाब के लोगों की दी हुई ताकत से खेलने दे रहे हो वो एक दिन तुम्हें व पंजाब को भी धोखा देगा। देश मेरी चेतावनी याद रखे।’

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस मामले के तहत उनके खिलाफ केस किया गया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा दिए गए बयान को लेकर पुलिस कार्रवाई के लिए उनके घर पहुंची है। उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले कुमार विश्वास के एक बयान को लेकर काफी बवाल हुआ था। कवि ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने देश को तोड़ने की बात की थी। वहीं केजरीवाल ने जवाब में खुद को स्वीट आतंकी बताया था, जो लोगों के लिए स्कूल और अस्पताल खुलवाता है।

जानकारी के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने एक स्थानीय आम आदमी पार्टी नेता की शिकायत पर रोपड़ जिले के रूपनगर थाने में कुमार विश्वास के खिलाफ 12 अप्रैल को केस दर्ज किया था। यह मामला कुमार विश्वास द्वारा कुछ महीने पहले एक बयान को लेकर है। इसी मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा को भी आरोपित बनाया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."