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November 23, 2024 2:22 am

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गर्भवती महिला के साथ नर्सों का अमानवीय व्यवहार : पोल खोल दी इस खबर ने ; पढ़िए क्या है मामला

14 पाठकों ने अब तक पढा

मुरारी पासवान की रिपोर्ट

गढ़वा । सदर अस्पताल में शुक्रवार को मानवता को शर्मसार करने की घटना प्रकाश में आई है। जहां एक महिला अस्पताल के गेट पर प्रसव के बाद करीब आधे घंटे तक तड़पती रही पर स्वास्थ्य कर्मी महिला को उठाना तक मुनासिब नहीं समझे। परिजनों ने नर्सो से कई बार गुहार लगाया पर सिफ्ट चेंज होने की बात कह नर्सो ने टाल मटौल कर दिया और महिला वहीं पड़ी रही। उसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से कुछ सफाई कर्मी ने महिला को उठाकर प्रसव वार्ड में ले गई।

जानकारी के अनुसार खरौंधी थाना क्षेत्र के राजी गांव निवासी दीपू मेहता अपनी पत्नी अंजलि देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में प्रसव के लिए लाया। सुबह 11 बजे महिला ओपीडी में दिया जहां महिला चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड करने को कहते हुए प्रसव वार्ड में जाने को कहा। महिला जब प्रसव वार्ड में गई जहां महिला को प्रसव दर्द से निपटने के लिए इंजेक्शन लगाया गया। उसके बाद महिला को एएनएम तनिस बांडो और कांति कुमारी यह कहकर भगा दिया कि अभी डिलेभरी में लेट है। उसके बाद महिला सदर अस्पताल के दूसरी मंजिल पर संचालित प्रसव वार्ड से नीचे आ गई। जहां गेट के पास पहुंची तो महिला जमीन पर गिर गई और तड़पने लगी।कुछ देर बाद वह बच्चा को जन्म दी। उसके बाद करीब आधे घंटे तक जच्चा और बच्चा वही पड़े रहे। परिजन कई बार नर्स को बुलाने गए पर नर्स तनिस बानो, सरिता और कांति घटनास्थल नहीं पहुंची। उसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए।

परिजनों ने कहा कि इतना देर से यहां पड़ी हुई पर कोई देखने वाला तक नहीं है। कुछ स्थानीय लोगों को कहने के बाद कुछ सफाई कर्मियों ने आगे आया और जच्चा और बच्चा को दोनों को अलग कर प्रसव वार्ड में ले गए। अजंलि के पति ने बताया कि सुबह से दौड़ रहे है पर प्रसव वार्ड में तैनात नर्स सिर्फ डाट रहीं है और कभी यह नहीं बता रही है कि प्रसव कब होगा।

प्रसव वार्ड में बिना अनुभव के नर्स है तैनात

सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में जीएनएम पद स्वीकृत है। पर सदर अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन के मिली भगत से एएनएम को तैनात किया गया है। यहीं वजह है कि आय दिन मरीज को यहां तो निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है। कुछ अपना जान गंवा दे रही है। अंजलि के पति ने बताया कि अनुभवी नर्स नहीं होने के कारण उसे कभी नहीं बताया गया कि प्रसव कब होगा। सिर्फ इंजेक्शन लगाकर दौडा़ते रहे। उसने बताया कि सदर अस्पताल की व्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है। जैसे-तैसे अस्पताल का संचालन हो रहा है। जिसका खामियाजा मरीज को भुगतना पड़ रहा है।

प्रसव कही भी किसी भी स्थिति में हो सकती है। कोई बड़ी बात नहीं है। प्रसव के बाद महिला को इलाज ठीक से हुआ कि नहीं उसकी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकता हू। डॉ कमलेश कुमार, सिविल सर्जन गढ़वा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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