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November 23, 2024 4:25 am

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जल संस्थान में हाबी ठेकेदारी प्रथा, प्राइवेट कर्मचारियों का किया जा रहा शोषण

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- जल संस्थान कर्वी में अवर अभियंता के पद पर तैनात रहे उमाशंकर मिश्रा द्वारा जल संस्थान में जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए लाखों रुपए धन का बंदरबांट किया गया है व पेयजल व्यवस्था के नाम पर अवर अभियंता द्वारा खूब मनमानी की जा रही है व फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन की लूट की जा रही है वहीं दूसरी ओर जल संस्थान में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारियों को प्रतिमाह मजदूरी का भुगतान 24 सौ रुपए से 3 हज़ार रुपए प्रतिमाह के रुप में दिया जाता है ठेकेदारी प्रथा के चलते इन प्राइवेट कर्मचारियों की मजदूरी का जो भुगतान प्रतिमाह किया जाता है वह मनरेगा मजदूरों से भी कम है मनरेगा योजना में जहां मजदूरी की मजदूरी लगभग 202 रूपए प्रति मानव दिवस है वहीं जल संस्थान कर्मियों को मात्र 24 सौ रुपए से लेकर 3 हज़ार रुपए प्रतिमाह मजदूरी भुगतान किया जाता है जिसमें इतनी मंहगाई के चलते इन प्राइवेट कर्मचारियों को अपना परिवार चलाना मुश्किल है लगभग 15 से 20 वर्षों जल संस्थान में कार्यरत यह प्राईवेट कर्मचारी ज़िम्मेदार अधिकारियो सहित अवर अभियंता व ठेकेदार की मनमानी का शिकार हैं l

अधिशाषी अभियंता उमा शंकर मिश्रा व अवर अभियंता राहुल कुमार व ठेकेदार मनोज कुमार सिंह की मनमानी के शिकार प्राईवेट कर्मचारी अपनी मजदूरी बढ़ाए जाने को लेकर उप जिलाधिकारी मऊ को ज्ञापन देकर मांग की थी लेकिन जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता उमा शंकर मिश्रा, अवर अभियंता राहुल कुमार व ठेकेदार मनोज कुमार सिंह की मनमानी के चलते इन प्राइवेट कर्मचारियों की मजदूरी नही बधाई जा रही है व जल संस्थान में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी है l

अवर अभियंता से अधिशाषी अभियंता का प्रभार संभालने वाले उमाशंकर मिश्रा द्वारा पाइप लाइन में घोटाला, मोटर मरम्मत के नाम पर कमीशन खोरी, हैंडपंप मरम्मतीकरण, री – बोर ,पाइपलाइन सप्लाई, ट्यूबवेल रिपेयरिंग व पेयजल व्यवस्था में लगने वाली अन्य सामग्रियों के नाम पर जमकर कमीशन खोरी की जाती है व मनमाने तरीके से सरकारी धन की लूट की जा रही है l

सबसे बड़ी बात यह है पाठा जलकल के अंदर व इंटेक वेल में लगे जनरेटरों के नाम पर खूब धन निकाला जाता है जबकि जनरेटर चलते ही नहीं हैं लेकिन डीजल के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए भुगतान किया जा रहा है l

जल संस्थान के पाठा जलकल व इंटेक वेल में लगे जनरेटरों की डीजल की खपत लगभग चालीस लीटर प्रति घंटे है जिसमें तीन जनरेटरों का लगभग एक सौ बीस लीटर प्रति घंटे के हिसाब से डीजल बनता है जिसमें जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है l

जल संस्थान बांदा व चित्रकूट में अधिशासी अभियंता का कार्यभार संभालने वाले उमाशंकर मिश्रा का पैतृक जिला चित्रकूट होने के चलते जमकर फर्जीवाड़ा मचाए हुए हैं l

उमाशंकर मिश्रा रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत सिरावल माफी के मूल निवासी है जो गृह जनपद के निवासी होने के चलते भ्रष्टाचार की रोज नई परिभाषा लिख रहे है l

उमाशंकर मिश्रा अवर अभियंता के पद पर काफी समय से जल संस्थान में कार्यरत रहे व इनका स्थानांतरण हो जाने के कारण मिर्जापुर चले गए व इनकी जगह पर आर के पांडेय अवर अभियंता बनकर चित्रकूट आए लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उमाशंकर मिश्रा ने फ़िर से अपनी तैनाती चित्रकूट जिले में करवा ली व अवर अभियंता बनकर पुनः चित्रकूट जिले में आ गए लेकिन अधिशासी अभियंता नहीं होने के चलते बांदा व चित्रकूट का प्रभार संभाल रहे हैं व मनमाने तरीके से फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन की लूट कर रहे हैं l

वही उमाशंकर मिश्रा की सह पर मोटर वाइंडिंग व इलेक्ट्रिशियन का कार्य देखने वाले प्राइवेट कर्मचारी सीताराम पटेल द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है व अपनी लेवर लगाकर मनमाने तरीके से ठेकेदारी करवाई जा रही है l

सूत्रों के अनुसार पता चला है कि एक प्लांट चलाने के लिए तीन व्यक्तियों की आवश्यकता होती है व तीन शिफ्ट में लगभग 9 लोगों को लगाया जाता है अपने निजी कर्मचारी होने के चलते प्लांट व जनरेटर चलाने के नाम पर खूब लीपापोती की जा रही है व मनमाने तरीके से डीजल चोरी की जा रही है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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