मनीष आमले की रिपोर्ट
धार। ग्राम तलवाड़ा पर उचित मूल्य की दुकान पर जमकर कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है।
यहाँ गरीबों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे सबसे महत्वपूर्ण राशन वितरण योजना पर दुकान संचालक ने कोरोना काल से लेकर अभी तक के राशन की कालाबाजारी कर दी। हालत यह है कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई है।
यहां मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की महत्वपूर्ण योजना राशन वितरण सहित सीएम हेल्पलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है। राशन वितरण में कोरोनाकाल से लेकर अभी किस तरह भ्रष्टाचार मचा हुआ है ये तलवाड़ा में साफ दिखाई दे रहा है। दुकान संचालक हितग्राहियों के हक पर डाका डालकर सरकार सहित हितग्राहियों के साथ भी बेईमानी कर रहे हैं।
तलवाड़ा में खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत द्वारा गरीबों के लिए आए राशन की कालाबाजारी का मामला सामने आया है।
शासकीय उचित मूल्य दुकान में पीडीएस के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाले गेंहू, चावल, शक्कर, नमक और नीले मिट्टी तेल को खुले बाजार में बेचने की शिकायत खाद्य विभाग को कई महीने से मिल रही है, लेकिन शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस कारण संबंधित अधिकारियों की इसमें मिलीभगत होने का अंदेशा उपज रहा है।
मुख्यमंत्री के मंसूबों के खिलाफ
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर भ्रष्टाचार ने मुख्यमंत्री के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। हितग्राहियों को इन दुकानों पर राशन नहीं मिलने से वे परेशान हो रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसमें कुछ संबंधित कर्ताधर्ताओ की मिलीभगत भी सामने आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्ड से उनका नाम काटकर उनसे जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं, इतना ही नहीं परिवार के सदस्य का नाम नहीं होना बताकर राशन भी कम दे रहे हैं जबकि ऑनलाइन चेक करने पर पूरा राशन देना दिखाया जा रहा है।
जिले के कुक्षी तहसील के तलवाड़ा में उचित मूल्य की दुकान पर राशन में फर्जीवाड़ा दुकानदार बिना सामान दिए ही कार्डों पर एंट्री चढ़ा देता और राशन देने के लिए फिंगर लगाने के लिए ग्रामीणों को सेल्समैन घर बुलाता है।
ग्रामीणों का आरोप यह है कि सेल्समैन एक महीने में एक बार ही दुकान खोलता है जिसके कारण इतनी भीड़ लग जाती है और जिन का राशन छूट जाता है उनको अगले महीने नहीं दिया जाता है।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि ₹1 का नमक ₹3 में देता है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है केरोसिन 7,8 महीने से नहीं दे रहा। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि डीलर भोक्ताओं को यह कह कर भी बरगला देता है कि, तुम्हारा राशन सीएम का आया है पीएम का नहीं आया।
गरीबों के पेट पर डाका पटक रहे उचित मूल्य संचालक गरीब आदिवासी एवं मजदूरों के साथ खिलवाड़ करते चूकते नहीं।
राशन नहीं मिलने से गरीब आदिवासी परेशान है। गरीबों का राशन अधिकारी अपनी जेब भरने में लगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."