राजस्थान में साइबर क्राइम पर सबसे बड़ी कार्रवाई
जुरहरा और सीकरी पुलिस ने 7 साइबर ठग दबोचे, फर्जी आईडी और ब्लैकमेलिंग गैंग का भंडाफोड़

हिमांशु मोदी की रिपोर्ट

राजस्थान में तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों पर पुलिस ने दो बड़ी कार्रवाइयाँ करते हुए
जुरहरा और सीकरी क्षेत्र में सक्रिय साइबर ठगी गैंगों को ध्वस्त कर दिया है।
दोनों कार्रवाइयों में पुलिस ने कुल 7 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है।
ये आरोपी खाली प्लॉट, सुनसान स्थानों और जंगलों में बैठकर सोशल मीडिया आधारित साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे।
इस संयुक्त अभियान में पुलिस ने फर्जी सिम, मोबाइल फोन, नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल और ब्लैकमेलिंग से जुड़े अहम डिजिटल सबूत भी बरामद किए हैं।

बढ़ते साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि यह भी दर्शाती है कि
राजस्थान में सक्रिय साइबर नेटवर्क कितनी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
फर्जी नौकरी, फर्जी लड़कियों की प्रोफाइल, वॉट्सऐप वीडियो कॉल ब्लैकमेलिंग, और सोशल मीडिया ट्रैप जैसी तकनीकों का प्रयोग कर आरोपी
पिछले कई वर्षों से बड़े पैमाने पर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे।

जुरहरा पुलिस की रातों-रात कार्रवाई: सुनसान प्लॉट से तीन साइबर ठग गिरफ्तार

कामां-जुरहरा थाना पुलिस ने देर रात एक सुनसान प्लॉट से तीन युवकों को गिरफ्तार किया,
जो सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी कर रहे थे।
ये आरोपी नटराज पेन और पेंसिल कंपनी में घर बैठे नौकरी दिलाने का झांसा देकर गृहिणियों, युवाओं और पुरुषों को अपना निशाना बनाते थे।
यह गिरोह सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहकर साइबर क्राइम के माध्यम से भोले-भाले लोगों को फंसाता था।

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थानाधिकारी अमित कुमार चौधरी ने बताया कि भरतपुर आईजी और डीग एसपी के निर्देश पर मुखबिर की सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची, तीनों आरोपी भागने लगे, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया।
ये सभी आरोपी कई महीनों से इलाके में साइबर क्राइम को बढ़ावा दे रहे थे और सोशल मीडिया पर नकली नौकरियों का लालच देकर लोगों से पैसा हड़पते थे।

पुलिस ने आरोपियों से तीन मोबाइल फोन और चार फर्जी सिम कार्ड जब्त किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान खालिद, आदिल और मुंजल के रूप में की गई है।
पुलिस का मानना है कि यह गैंग कई राज्यों में फैले साइबर क्राइम नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।

सीकरी पुलिस की जंगलों में घेराबंदी: चार साइबर ठग गिरफ्तार, 8 मोबाइल बरामद

दूसरी बड़ी कार्रवाई डीग-सीकरी थाना क्षेत्र से सामने आई,
जहां सीकरी पुलिस ने बजीर खेड़ी के घने जंगलों में ऑपरेशन चलाकर चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया।
ये आरोपी सोशल मीडिया पर युवतियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को फंसाते थे और फिर वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर फर्जी नग्न वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करते थे।
इस अत्याधुनिक साइबर क्राइम के माध्यम से आरोपी लोगों से लाखों रुपए वसूल रहे थे।

पुलिस ने बताया कि आरोपी वॉट्सऐप वीडियो कॉल के दौरान सामने वाले की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर लेते थे और फिर वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलते थे।
बदनामी के डर से अधिकांश पीड़ित ठगों के खातों में तुरंत पैसे ट्रांसफर कर देते थे।
अनुमान है कि इस गैंग ने पिछले चार वर्षों में 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी की है।
ये लोग अलग-अलग भाषाओं में बातचीत कर देशभर के लोगों को अपना शिकार बनाते थे,
जिससे साइबर क्राइम की पहुँच और दायरा और अधिक बढ़ जाता था।

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सीकरी पुलिस ने मौके से आठ मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड जब्त किए हैं।
थाना अधिकारी के अनुसार, ‘ऑपरेशन एंटीवायरस’ अभियान के तहत लगातार ऐसे साइबर क्राइम मॉड्यूल को तोड़ा जा रहा है।

साइबर क्राइम बढ़ने के पीछे कारण क्या हैं? विशेषज्ञों की बड़ी चेतावनी

प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है।
फर्जी नौकरी, सोशल मीडिया रोमांस ट्रैप, बैंकिंग फ्रॉड, QR स्कैन धोखाधड़ी, और वीडियो कॉल ब्लैकमेलिंग जैसे तरीके आम हो चुके हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ-साथ ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर जागरूकता कम होने से
साइबर क्राइम गैंग अधिक सक्रिय हो गए हैं।

राजस्थान में पकड़े गए दोनों गिरोहों की कार्यशैली यह दिखाती है कि साइबर ठग अब हाई-टेक तकनीकों और मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल करते हैं।
ना सिर्फ ग्रामीण बल्कि शिक्षित शहरी लोग भी इनके जाल में फँस रहे हैं।
इसलिए साइबर क्राइम के खिलाफ सामूहिक जागरूकता और कड़ी पुलिस निगरानी बेहद आवश्यक हो गई है।

पुलिस की चेतावनी: सतर्क रहें, जागरूक रहें

पुलिस का कहना है कि यदि किसी अनजान सोशल मीडिया आईडी से नौकरी, दोस्ती या वीडियो कॉल का प्रस्ताव आता है,
तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
साइबर क्राइम गिरोह मानसिक दबाव बनाकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि संदिग्ध लिंक, अज्ञात नंबरों और फ्रॉड वीडियो कॉल से दूर रहें।

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निष्कर्ष

जुरहरा और सीकरी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि राजस्थान में
साइबर क्राइम के खिलाफ चल रहा अभियान बेहद सफल हो रहा है।
7 साइबर ठगों की गिरफ्तारी और 11 मोबाइल फोन व फर्जी सिम कार्ड की बरामदगी ने राज्य में सक्रिय
इन हाई-टेक अपराधियों को बड़ा झटका दिया है।
इस तरह की निरंतर कार्रवाई से साइबर क्राइम के बड़े नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद भी बढ़ गई है।

सवाल-जवाब (क्लिक करें और जवाब देखें)

सवाल 1: साइबर क्राइम क्या होता है?

इंटरनेट, मोबाइल, सोशल मीडिया, बैंकिंग ऐप या डिजिटल माध्यमों के जरिए किए जाने वाले हर तरह के ऑनलाइन अपराध को साइबर क्राइम कहा जाता है।

सवाल 2: जुरहरा में पकड़े गए साइबर ठग कैसे ठगी करते थे?

वे सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर नटराज कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे और लोगों को जाल में फंसाकर पैसे ठग लेते थे।

सवाल 3: सीकरी के साइबर ठग किस तरह की ठगी कर रहे थे?

वे फर्जी लड़की की प्रोफाइल बनाकर वॉट्सऐप वीडियो कॉल से लोगों की स्क्रीन रिकॉर्डिंग करते थे और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूलते थे।

सवाल 4: साइबर क्राइम से बचाव कैसे करें?

अज्ञात लिंक, फर्जी प्रोफाइल, अनजान नंबर और वीडियो कॉल से दूर रहें, और किसी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस में शिकायत करें।

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