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1 March 2025 4:06 pm

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मथुरा में दलित बहनों की शादी टूटी, सियासत गरमाई : कहीं अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले पर पानी न फेर दे?

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ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

मथुरा में दलित बहनों की शादी टूटने का मामला गरमाया, सियासी हलचल तेज

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा के रिफाइनरी थाना क्षेत्र में दलित परिवार की दो बहनों की शादी टूटने की घटना ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। घटना के बाद बसपा और बीजेपी ने सख्त रुख अपनाया, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को डैमेज कंट्रोल में जुटना पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

पिछले हफ्ते, 19 और 22 साल की दो दलित बहनें अपनी शादी के लिए ब्यूटी पार्लर से तैयार होकर लौट रही थीं। तभी उनकी कार रोहतास यादव और पिंटल यादव की बाइक से टकरा गई। इस मामूली हादसे के बाद, दोनों यादव युवकों ने बहनों के फूफा पर हमला कर दिया। जब बहनें बीच-बचाव करने आईं, तो आरोपियों ने उन पर गोबर फेंक दिया और जातिसूचक गालियां दीं।

हमले के बाद टूटी शादी, गहराया विवाद

इस घटना से शादी की खुशी गम में बदल गई। राजस्थान से आए दूल्हों ने खुद को असुरक्षित बताते हुए शादी से इनकार कर दिया। इससे मामला और गरमा गया, और इसे दलित बनाम यादव विवाद का रूप मिल गया।

बसपा का आक्रामक रुख, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना के बाद, बसपा प्रमुख मायावती ने तुरंत एक प्रतिनिधिमंडल को पीड़ित परिवार से मिलने भेजा। बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन राइन और भीमराव आंबेडकर ने गांव का दौरा कर परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

बसपा नेता शमसुद्दीन ने कहा

“गांव में बारातों का सम्मान होता है, लेकिन यहां दलित बेटियों को अपमानित किया गया। यह सपा से जुड़े गुंडों की करतूत है। प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि दोबारा कोई ऐसी हिम्मत न कर सके।”

बीजेपी ने भी लिया संज्ञान, आरोपी जाएंगे जेल

बीजेपी भी इस मामले में एक्शन में नजर आई। योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने मथुरा पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।

असीम अरुण ने कहा

 “सीएम योगी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। यह अस्वीकार्य है कि कुछ लोग दलित बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करें और बच जाएं। सभी आरोपियों को जल्द ही जेल भेजा जाएगा।”

सपा पर बढ़ा दबाव, डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज

घटना के बाद, यह मुद्दा सपा के खिलाफ जाता दिख रहा है। पार्टी के पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर इसका असर पड़ सकता है। अखिलेश यादव ने भले ही कोई बयान नहीं दिया हो, लेकिन स्थानीय नेताओं को मामले को संभालने में लगा दिया गया है।

सपा के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह यादव ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। वहीं, पार्षद राकेश यादव के नेतृत्व में बैठक कर दोषियों से दूरी बनाने और विवाह में सहयोग करने की बात कही गई।

मथुरा की यह घटना अब जातीय और राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है। बसपा और बीजेपी ने इसे सपा के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना लिया है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन कितनी तेजी से दोषियों पर कार्रवाई करता है और सपा इसे पीडीए फॉर्मूले को बचाने के लिए किस तरह संभालती है।

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