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मुख्यमंत्री योगी का गोंडा दौरा : पार्वती अरगा झील को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की दिशा में कदम

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

गोंडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने एकदिवसीय दौरे के तहत गोंडा पहुंचे। उन्होंने वजीरगंज ब्लॉक स्थित पार्वती अरगा झील में आयोजित वेटलैंड दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस आयोजन से पार्वती अरगा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।

आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्वती अरगा झील का संरक्षण और संवर्धन वेटलैंड संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भी झील के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि अयोध्या और देवी पाटन के बीच एक नया प्रकृति और संस्कृति पर्यटन कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उत्तर प्रदेश वेटलैंड संरक्षण में देश में दूसरे स्थान पर

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में 1,33,434 वेटलैंड हैं, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 5.16% हैं। इनमें से दस वेटलैंड को रामसर साइट का दर्जा प्राप्त है। इस मामले में उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। पार्वती अरगा पक्षी विहार को 2019 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामसर स्थल के रूप में मान्यता मिली थी।

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पार्वती अरगा झील को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय दर्जा

मुख्यमंत्री ने कहा कि झील वर्षों से अपनी जैव विविधता के लिए जानी जाती है, लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने जा रही है। सरकार ने इसे एक महत्वपूर्ण वेटलैंड साइट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

भारत में 89 रामसर साइट्स चिन्हित करने का लक्ष्य

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में 63 रामसर साइट्स को मान्यता मिली है, जबकि इससे पहले 65 वर्षों में यह संख्या बहुत कम थी। इस दशक में 89 नई रामसर साइट्स को चिन्हित करने का लक्ष्य रखा गया है। पार्वती अरगा झील प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थल है और यह पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

वेटलैंड संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि अतिक्रमण के कारण कई महत्वपूर्ण वेटलैंड नष्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि झीलों और अन्य आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने के लिए सरकार कड़े कदम उठाएगी।

स्थानीय उत्पादों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने स्थानीय कारीगरों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ समझौता किया है, जिससे स्थानीय उत्पादों को ऑनलाइन बेचा जा सकेगा। वनटांगिया समुदाय और अन्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल होगी।

इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश सरकार टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है, जिससे मंडल और अवध क्षेत्र में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।

सरयु नहर परियोजना से झील को जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार सरयु नहर परियोजना के तहत इस झील को जोड़ने की योजना बना रही है। इससे झील में जल की निरंतरता बनी रहेगी और पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षित रहेगा।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह, गोंडा जिला प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री के.पी. मलिक, वन महानिदेशक सुशील कुमार अवस्थी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान “पार्वती अरगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्रोग्राम”, “85 रामसर साइट्स” और “वनटांगिया समुदाय” पर केंद्रित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा गोंडा के लिए ऐतिहासिक रहा। पार्वती अरगा झील को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने, वेटलैंड संरक्षण को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कई नई योजनाओं की शुरुआत का संकेत देता है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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