अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली एक भयावह घटना सामने आई है, जहां तीन महिलाओं को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया और उनके साथ मारपीट की गई। इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना 2 जनवरी की बताई जा रही है। दरअसल, गाँव के एक मुस्लिम युवक पर आरोप है कि उसने एक शादीशुदा दलित महिला को बहला-फुसलाकर भगा लिया। यह खबर जब लड़की के मायके वालों और गांव के अन्य लोगों को लगी, तो वे आक्रोशित हो गए। गुस्साए ग्रामीण बड़ी संख्या में युवक के घर पहुंच गए, लेकिन वहां कोई पुरुष मौजूद नहीं था। केवल उसकी मां और दो चाचियां घर पर थीं।
ग्रामीणों ने युवक की 60 वर्षीय मां और उसकी दो 40 वर्षीय चाचियों को जबरन घर से बाहर घसीट लिया। इसके बाद तीनों को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया और बेरहमी से पीटा गया। इतना ही नहीं, घर के बाहर रखे उनके कपड़ों में भी आग लगा दी गई।
पीड़ित महिलाओं के आरोप और पुलिस का दावा
इस घटना को लेकर पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया कि इस घृणित कृत्य में पुलिस के कुछ सिपाही भी शामिल थे। महिलाओं का कहना है कि गुलरिहा थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने भी उन्हें पीटा और घटना के दौरान मौजूद रहे। पीड़ितों का यह भी आरोप है कि उन्हें निर्वस्त्र करने का वीडियो भी बनाया गया, जो बाद में वायरल किया जा सकता है।
हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिलाएं झूठ बोल रही हैं और ऐसी कोई घटना नहीं हुई। लेकिन इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है, जिससे निपटने के लिए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मामले में सीएम योगी से सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। कई मौलानाओं और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस घटना के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की अमानवीय घटनाएं दोबारा न हो सकें।
इलाके में बढ़ा तनाव, पुलिस चौकस
चूंकि मामला दो समुदायों से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी गांव में लगातार निगरानी कर रहे हैं और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयार हैं।
न्याय की उम्मीद और सख्त कार्रवाई की मांग
यह घटना न केवल उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आज भी समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा और अमानवीयता किस हद तक मौजूद है। इस मामले में अगर तत्काल और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समाज के लिए एक खतरनाक उदाहरण बन सकता है। पीड़ित महिलाएं और उनके परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि पूरे प्रदेश की निगाहें इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।