सोनू करवरिया की रिपोर्ट
बांदा जनपद के नरैनी ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत पुकारी में संचालित गौशाला में गायब हो रहे गौवंशों का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। प्रशासन को भेजी जा रही गौवंशों की डिमांड और उनकी संख्या में हो रहे अंतर को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर कई समाचार पत्रों ने भी गौवंश तस्करी का संकेत देते हुए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की सलाह दी है।
हालांकि, इस मामले में गौशाला संचालक द्वारा दिए गए बयान में गौवंशों के गायब होने की वजह कुछ और बताई गई है। संचालक का दावा है कि कुछ गौवंश गौशाला से भाग गए, जबकि कुछ को गौपालकों को सौंप दिया गया। वहीं, गौरक्षा समिति के पदाधिकारियों और पशु चिकित्सक डॉ. विजय कुमार कमल के बयान इस दावे से मेल नहीं खाते।
पशु चिकित्सक ने उजागर की हकीकत
डॉ. विजय कुमार कमल, जो इस गौशाला में निरीक्षण और पशुओं के इलाज के लिए जिम्मेदार हैं, ने साक्षात्कार में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गायब हो रहे गौवंशों की सच्चाई को छुपाने की कोशिश की जा रही है। डॉ. कमल के मुताबिक, गौशाला में गौवंशों की संख्या को लेकर प्रस्तुत किए गए आंकड़े हकीकत से मेल नहीं खाते।
डॉ. कमल द्वारा दिए गए बयान और जारी वीडियो ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। वीडियो में गौशाला की वास्तविक स्थिति को लेकर जो बातें सामने आईं, वे प्रशासन को जगाने के लिए काफी हैं।
प्रशासन की भूमिका और निष्कर्ष
यह मामला केवल प्रशासन की लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि गौशाला प्रबंधन पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। गौवंश तस्करी के आरोप और उनकी संख्या में हो रही गड़बड़ी, दोनों ही इस बात की ओर इशारा करते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
गौरतलब है कि प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि गायब हो रहे गौवंशों की सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जा सके। जनता और गौरक्षा समिति इस मामले में पारदर्शिता की मांग कर रही है।
डॉ. विजय कुमार कमल का बयान इस गौशाला में हो रही गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए काफी है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करे और गायब हो रहे गौवंशों की हकीकत का पता लगाए।