
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
भोजन के बाद निकला झाग, शिष्य पहुंचे अस्पताल – डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत की खबर ने पूरी रामनगरी को झकझोर दिया। शनिवार शाम भोजन के बाद महंत अपने कक्ष में विश्राम कर रहे थे। कुछ देर बाद उनके मुंह से झाग निकलने लगा। शिष्य तुरंत उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से सूचना मिलते ही अयोध्या पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच में अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत को संदिग्ध बताया गया है।
महंत राम मिलन दास की सेवा और पहचान
48 वर्षीय महंत राम मिलन दास पिछले 15 वर्षों से राम मंदिर में सेवा कर रहे थे। वे मूल रूप से कुशीनगर जिले के बड़हरा गांव के निवासी थे। अयोध्या के रामघाट क्षेत्र में स्थित राम मंदिर में वे अत्यंत सम्मानित संत माने जाते थे। अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत से भक्तों में गहरा शोक व्याप्त है। वे धार्मिक, सामाजिक और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े प्रमुख चेहरों में से एक थे।
8 करोड़ की जमीन बिक्री और बैंक खाते में 9.5 करोड़ रुपये
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दो महीने पहले महंत राम मिलन दास ने राम मंदिर की जमीन 8 करोड़ रुपये में बेची थी। यह पूरी रकम उनके बैंक खाते में जमा की गई थी। इसके अलावा, उनके पास पहले से डेढ़ करोड़ रुपये भी थे। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि कहीं अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत का संबंध किसी आर्थिक विवाद या लालच से तो नहीं।
13 साल से सेवा कर रही शकुंतला हिरासत में
महंत की सेविका शकुंतला (40) को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वह पिछले 13 वर्षों से महंत राम मिलन दास की सेवा कर रही थी। उससे पहले उसकी मां भी मंदिर में सेवा करती थीं। पुलिस शकुंतला से पूछताछ कर रही है कि अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत के समय वह कहां थी और क्या उसने कुछ संदिग्ध देखा। सूत्रों के अनुसार, शकुंतला ने बताया कि वह रसोई में थी और तभी महंत की तबीयत बिगड़ी।
जहर की संभावना, फॉरेंसिक जांच जारी
पुलिस ने भोजन के नमूने, गिलास, और दवाइयां जब्त कर ली हैं। फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है कि कहीं भोजन या पानी में विषैला पदार्थ तो नहीं मिला। अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत के असली कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा। फिलहाल हत्या, साजिश और आर्थिक विवाद तीनों कोणों से जांच जारी है।
भक्तों में शोक और आक्रोश
अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत की खबर फैलते ही मंदिर परिसर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाए। कई लोगों ने कहा कि महंत सरल और भक्तिभाव से भरे हुए थे। भक्तों का कहना है कि अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत न केवल एक संत की मौत है, बल्कि आस्था पर हमला है।
पुलिस को जल्द खुलासे की उम्मीद
अयोध्या के एसपी सिटी ने बताया कि सेविका शकुंतला से पूछताछ जारी है। उनके बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत की सच्चाई सामने लाई जाएगी।
राम मंदिर आंदोलन से गहरा जुड़ाव
महंत राम मिलन दास का जुड़ाव राम मंदिर आंदोलन से रहा है। वे मंदिर निर्माण अभियान के दौरान सक्रिय रूप से जुड़े रहे थे। उनकी पहचान सिर्फ एक संत के रूप में नहीं, बल्कि रामनगरी अयोध्या की धार्मिक चेतना के प्रतीक के रूप में भी थी। अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत ने अयोध्या की आध्यात्मिक राजनीति को झकझोर दिया है।
जांच में कई नए सुराग मिलने की उम्मीद
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल रिकॉर्ड, और बैंक ट्रांजैक्शन खंगाल रही है। संभावना जताई जा रही है कि अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत किसी सुनियोजित साजिश का नतीजा हो सकती है। प्रशासन ने कहा कि कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। अयोध्या राम मंदिर महंत राम मिलन दास की मौत एक धार्मिक संत की मृत्यु भर नहीं, बल्कि भक्ति और विश्वास की कसौटी है। 8 करोड़ की जमीन बिक्री, 9.5 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस और संदिग्ध हालात में हुई मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि जांच यह बताएगी कि यह प्राकृतिक मौत, जहरखुरानी, या षड्यंत्र था।