चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
हमीरपुर: अन्नदाताओं पर लाठियां बरसाने का वीडियो वायरल, प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से किसानों के साथ पुलिस की अभद्रता का एक वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। देश में किसानों को “अन्नदाता” कहा जाता है, जो अपनी मेहनत से पूरे देश का पेट भरते हैं। लेकिन जब यही अन्नदाता पुलिस की लाठियां सहने को मजबूर हो जाएं, तो यह स्थिति समाज और प्रशासन के लिए शर्मनाक है।
सुमेरपुर में किसानों पर पुलिस की लाठियां
घटना हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र स्थित सहकारी समिति की है। गुरुवार को खाद लेने के लिए सैकड़ों किसान सहकारी समिति के खाद वितरण केंद्र के बाहर सुबह से ही कतार में खड़े थे। खाद की भारी किल्लत के चलते किसानों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। हालात को नियंत्रित करने के लिए वहां तैनात एक पुलिसकर्मी ने किसानों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में पुलिसकर्मी किसानों को डंडे से पीटकर लाइन में लगाने की कोशिश करता नजर आ रहा है। वायरल वीडियो ने पुलिस और प्रशासन की छवि पर गहरा असर डाला है।
खाद की किल्लत से परेशान किसान
गेहूं की बुवाई के इस मौसम में डीएपी खाद की अत्यधिक जरूरत है, लेकिन सहकारी समितियों पर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों को दिनभर लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है। कुछ किसान तो रातभर कतार में खड़े रहते हैं ताकि सुबह जल्दी खाद मिल सके।
किसानों का आरोप है कि सरकारी खाद वितरण केंद्रों पर उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रही। जिन किसानों को 10 बोरी खाद की आवश्यकता है, उन्हें मात्र 2 बोरी खाद दी जा रही है। वहीं, प्राइवेट दुकानों पर खाद महंगे दामों में बेची जा रही है, जिसे किसान मजबूरी में खरीदने को बाध्य हैं।
पुलिसकर्मी पर हुई कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया है। सुमेरपुर थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच सीओ स्तर पर की जाएगी। हालांकि, इस घटना से किसानों में नाराजगी गहराती जा रही है। किसान इसे जिला प्रशासन की नाकामी बता रहे हैं।
किसानों की नाराजगी और उनकी मांग
किसानों का कहना है कि वे पहले से ही खाद की कमी से जूझ रहे हैं और अब उन्हें पुलिस की लाठियां सहनी पड़ रही हैं। किसान नेता संतोष सिंह ने कहा कि पूरे जिले में किसी भी सरकारी खाद वितरण केंद्र पर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार खाद नहीं दी जा रही, जिससे उनके खेत बर्बाद हो रहे हैं।
प्रशासन की लापरवाही से बिगड़े हालात
घटना ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। खाद की कमी और वितरण में अनियमितता के कारण किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। किसान इसे जिला प्रशासन और पुलिस की असफलता बता रहे हैं।
समाप्ति में सवाल
हमीरपुर की यह घटना न केवल किसानों की बदहाली को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन की संवेदनहीनता और कुप्रबंधन को भी उजागर करती है। जब देश के अन्नदाता ही खाद के लिए संघर्ष करते हुए लाठियां खाने को मजबूर हो जाएं, तो यह सवाल उठता है कि क्या हमारे प्रशासन और समाज में उनकी मेहनत और योगदान का कोई सम्मान है?
यह घटना हर नागरिक और प्रशासन के लिए आत्ममंथन का मौका है कि वे किसानों के प्रति अपनी सोच और कार्यशैली में बदलाव लाएं।