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November 21, 2024 2:55 pm

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प्रदेश में ऐसे बिजली होगी सस्ती, उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन में तेजी और घर-घर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के बाद बिजली विभाग उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर बिजली मुहैया कराने में सक्षम हो सकेगा।

मौजूदा समय में बिजली कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान उस वक्त उठाना पड़ता है जब उन्हें पीक आवर यानी शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक महंगे दामों पर बिजली खरीदनी पड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार और बिजली विभाग मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहे हैं।

पीक आवर में बिजली की खपत घटाने के लिए जागरूकता अभियान

बिजली कंपनियों को महंगे दामों पर बिजली खरीदने से बचाने के लिए सरकार उपभोक्ताओं को प्रेरित करेगी कि वे अपने बिजली के उपयोग को पीक आवर से पहले या बाद में शिफ्ट करें। इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई गई है ताकि शाम 6 से रात 10 बजे के बीच बिजली की मांग को कम किया जा सके। यदि उपभोक्ता इस दौरान बिजली का उपयोग घटाते हैं, तो इससे बिजली की मांग संतुलित होगी और बिजली कंपनियां कम खर्च में बिजली की आपूर्ति कर सकेंगी।

सोलर ऊर्जा से मिलेगा सस्ता बिजली विकल्प

उत्तर प्रदेश सरकार सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल दिन के समय सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली 2.50 से 3.00 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलती है। इसलिए, उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने बिजली खपत वाले बड़े काम जैसे कपड़े धोना, खाना पकाना, आदि दिन के समय में निपटाएं। इससे सोलर ऊर्जा का बेहतर उपयोग होगा और उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी।

हर घर में लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर

प्रदेश में सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इन मीटरों के जरिए बिजली की खपत और मांग का सटीक डेटा वास्तविक समय में प्राप्त किया जा सकेगा। इससे बिजली की आपूर्ति और मांग के प्रबंधन में भी सुधार होगा। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को भी यह समझने में आसानी होगी कि वे किस समय कितनी बिजली का उपयोग कर रहे हैं और इसे किस तरह से नियंत्रित कर सकते हैं।

पीक आवर में बिजली की अधिक मांग पूरी करने की रणनीति

ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण ने बताया कि पीक आवर के दौरान बिजली की अत्यधिक मांग पूरी करने के लिए पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ती है, जिसकी दर प्रति यूनिट 9 से 10 रुपये तक होती है। इसी समय प्रदेश में बिजली की खपत अपने उच्चतम स्तर पर होती है। यदि उपभोक्ता इस अवधि में बिजली का उपयोग कम कर देते हैं, तो उन्हें 25% तक सस्ती बिजली दी जा सकती है। इसके लिए एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।

नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के लिए उठाए गए अन्य कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें प्रमुख हैं:

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के साथ साझेदारी: यूपी ने एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क: यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नई और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में 4000 मेगावाट क्षमता का एक विशाल सोलर पार्क स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत बिजली की निकासी के लिए 20 ट्रांसमिशन सब-स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

उपभोक्ताओं के लिए होगा बड़ा फायदा

सरकार की इन पहलों से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को न केवल सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे और अनावश्यक बिजली खर्च को कम कर सकेंगे। इससे बिजली कंपनियों के लिए भी आर्थिक नुकसान कम होगा और वे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।

सरकार की इस पहल से राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बन सकेगा, जिससे उपभोक्ताओं को निरंतर और किफायती बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश इस दिशा में अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकेगा।

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