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November 2, 2024 9:04 am

शॉकिंग रईसी की ठसक ; बात-बात में फेंकते थे नोटों की गड्डियां, रहते थे किराए के मकान में… 

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

गोरखपुर के बेलीपार थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए जाली नोटों के अवैध व्यापार का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने गिरोह के सरगना गोलू कनौजिया समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से कुल 1.03 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, जाली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे प्रिंटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और एक कार भी जब्त की गई है।

एसपी साउथ कुमार ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने रात्रि जांच अभियान के दौरान सेवई बाजार से गुजर रही एक संदिग्ध कार को रोका। तलाशी के दौरान कार से 100 रुपये के नोटों की गड्डियों में 1.03 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी पिछले एक माह से नकली नोटों का कारोबार कर रहे थे और इन नकली नोटों की सप्लाई गोरखपुर और आसपास के जिलों में की जाती थी।

पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर भौवापार स्थित एक किराए के मकान पर छापा मारा, जहां से जाली नोट बनाने के उपकरण—लैपटॉप, प्रिंटर, विशेष कागज, और अन्य सामग्री—बरामद की गई। एसपी साउथ ने बताया कि यह गैंग भीड़भाड़ वाले इलाकों में नकली नोटों को चलाने का काम करती थी, जिससे आम जनता को धोखे में डालकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाता था।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान भौवापार निवासी गोलू कनौजिया, प्रशांत पांडेय, अमन विश्वकर्मा, आदित्य सिंह और मुस्तफा के रूप में हुई है। इस गिरोह का मुख्य सरगना गोलू कनौजिया बताया जा रहा है, जिसने नकली नोट छापने के लिए प्रिंटर, कागज और स्याही का इंतजाम किया और इस गोरखधंधे की शुरुआत की।

यह मामला कानून और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन बेलीपार पुलिस की मुस्तैदी और सटीक कार्रवाई से इस संगठित अपराध का पर्दाफाश हो सका। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों और नेटवर्क की तलाश में जुटी है।

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