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15 January 2025 1:56 pm

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गोंडा भयंकर ट्रेन दुर्घटना की असली वजह आई सामने, दोषी नपेंगे या अनुकंपा के भागी बनेंगे? 

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राम कुमार सोनी की रिपोर्ट

18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के 12 डिब्बे मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गए। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। 

जांच में यह पाया गया कि हादसे की वजह रेलवे के इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही थी।

जांच रिपोर्ट का खुलासा

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जिस जगह पर ट्रेन बेपटरी हुई, वहां ट्रैक में चार दिनों से बकलिंग (गर्मी में पटरी में फैलाव होना) हो रही थी। रेल पटरी की फास्टनिंग सही से नहीं की गई थी, जिससे गर्मी में पटरी ढीली हो गई थी। इसके अलावा, एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड 30 किमी/घंटे के बजाए 80 किमी/घंटे थी, जो हादसे का मुख्य कारण बनी।

जांच के महत्वपूर्ण तथ्य

– दुर्घटना की जांच कर रही पांच सदस्यीय टीम ने पाया कि पटरी ठीक से कसी नहीं गई थी।

– लखनऊ डिवीजन के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (एसएसई) ने दोपहर 1:30 बजे आईएमआर दोष (तत्काल निष्कासन दोष) का पता लगाया और चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ने 2:28 बजे मोतीगंज स्टेशन को पार किया।

– मोतीगंज के स्टेशन मास्टर को खराब स्थान से ट्रेनों को 30 किमी प्रति घंटे की गति से पार करने का ज्ञापन दिया गया था।

– ट्रेन दोपहर 2:31 बजे बेपटरी हुई, जब इंजन खराब जगह से गुजरा।

अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान

– दुर्घटना के बाद 30 से अधिक रेलकर्मी मौके पर पहुंचकर ट्रैक की मरम्मत में जुट गए।

– जलभराव के कारण ट्रैक कमजोर हो गया था, जिससे दुर्घटना हुई।

– गोंडा, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी के 41 रेल अधिकारी और कर्मचारी डीआरएम दफ्तर लखनऊ में तलब किए गए।

– नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के 6 अफसरों की टीम ने ट्रेन के लोको पायलट, मैनेजर, झिलाही और मोतीगंज के स्टेशन मास्टरों समेत कई कर्मचारियों के बयान लिए और घटनास्थल का टेक्निकल मुआयना किया। 

इस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि झिलाही सेक्शन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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