दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की समीक्षा बैठक चल रही है, जिसमें कई क्षेत्रों की बैठकें संपन्न हो चुकी हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बीजेपी उत्तर प्रदेश में 16 प्रमुख सवालों के जवाब तलाश रही है। यूपी बीजेपी इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी इस समीक्षा बैठक में शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लोकसभा चुनाव में केवल 33 सीटें मिलीं, जबकि उसके सहयोगी दल अपना दल को 1, रालोद को 2, और निषाद पार्टी व सुभासपा को कोई सीट नहीं मिली। पार्टी ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।
यहां उन 16 सवालों की सूची है, जिनकी बीजेपी पड़ताल कर रही है:
- पार्टी कार्यकर्ता जमीन पर कितने सक्रिय थे?
- क्या चुनावी नुकसान में केंद्र या राज्य सरकार के फैसले वजह बने?
- रणनीति कहां पर गलत हो गई?
- प्रत्याशियों और जनता के बीच रिश्ता कैसा रहा?
- पार्टी नेताओं ने अपनी जाति और समुदायों के बीच लोगों से कैसा संबंध रखा?
- एक समुदाय से मतदाता बीजेपी से शिफ्ट क्यों हो गए?
- हिंदू मतदाताओं ने जाति के आधार पर मतदान क्यों किया?
- प्रचार के माध्यम कितने प्रभावी तरीके से इस्तेमाल हुए?
- संगठन और प्रत्याशियों के बीच समन्वय कैसा था?
- पार्टी के पास क्या संसाधन थे?
- पार्टी नेताओं ने विभिन्न समुदायों के बीच जो दौरा किया, उसका क्या असर रहा?
- बूथ मैनेजमेंट कैसा था?
- विधानसभाओं में विपक्ष का वोट शेयर कैसे बढ़ा और बीजेपी का कैसे घटा?
- विपक्ष द्वारा बीजेपी के खिलाफ क्या नैरेटिव तैयार किया गया?
- विपक्षी उम्मीदवारों ने किन रणनीतियों का इस्तेमाल किया और जनता से कैसे जुड़े?
- संविधान और आरक्षण के मुद्दे का चुनाव में कितना असर रहा?
इसके अलावा, बीजेपी अयोध्या और अमेठी सीटों पर भी समीक्षा कर रही है। फैजाबाद लोकसभा सीट हारना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है, और पार्टी अमेठी में हुई हार को लेकर भी चिंतित है। इन दोनों सीटों की समीक्षा का जिम्मा खुद भूपेंद्र चौधरी ने संभाला है।
Author: samachar
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