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November 2, 2024 9:01 am

पहले चरण का चुनाव ; बीजेपी बोली विपक्ष का ‘सूपड़ा साफ’ तो विपक्ष ने कहा ‘बीजेपी फ्लॉप’

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

वेस्ट यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर शुक्रवार को 2019 से करीब आठ फीसदी कम मतदान होने से सभी सियासी दलों की टेंशन बढ़ा दी है। सभी दल अपनी-अपनी तरह से इसमें एक-दूसरे को नुकसान देख रहे और तर्क भी दे रहे हैं।

बीजेपी जहां दावा कर रही है कि विपक्ष अपनी 2019 में जीती आठ में पांच लोकसभा सीटों में से एक भी सीट नहीं बचा पाएगी, सब पर कमल खिलेगा तो वहीं विपक्षी नेताओं का कहना है कि बीजेपी का पहला चरण का सियासी शो फ्लॉप साबित हुआ है।

बीजेपी अपनी आठ से 2019 में जीती तीन सीटें भी हार रही हैं। पहले चरण में उसका सूपड़ा साफ हो रहा है।

दरअसल, जिलों से आई रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी की आठ सीटों पर पहले चरण में करीब 60.25 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2019 में 68.86 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 8.61 प्रतिशत वोटिंग कम हुई। इन सीटों पर 2009 में 56.87 प्रतिशत और 2014 में 66.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।

2019 में कुछ ऐसा रहा परिणाम

राजनीतिक एक्सपर्ट प्रोफेसर डॉक्टर रविंद्र प्रताप राणा का तर्क है कि 2009 में इन 8 सीटों पर 56.87% वोटिंग हुई, तब बीजेपी सिर्फ एक सीट पीलीभीत जीती थी, जबकि 3 सीट बीएसपी, 3 सीट सपा-रालोद गठबंधन और एक सीट कांग्रेस जीती थी।

2014 में जब वोटिंग पर्सेंट 10 फीसदी बढ़कर 66.72 हुआ, तब सभी 8 सीट बीजेपी जीती थी। 2019 में वोटिंग 2 फीसदी की वृद्धि होने पर बीजेपी तीन सीट कैराना, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत ही जीत पाई पाई थी, जबकि सपा-बसपा ने गठबंधन में 5 सीट सहारनपुर, बिजनौर, नगीना बसपा और मुरादाबाद-रामपुर में सपा जीती थी।

हमेशा कम वोटिंग बीजेपी के लिए खतरा रही

बकौल रविंद्र राणा आठ सीटों पर 2019 के मुकाबले पीलीभीत में इस बार 7.19 फीसद, सहारनपुर में 7.75 फीसद, कैराना में 9.33 फीसद, मुजफ्फरनगर में 11.41, रामपुर में 9.63 फीसद, मुरादाबाद में 7.70 फीसद, बिजनौर सीट पर 10 फीसद, नगीना सुरक्षित सीट पर करीब साढ़े छह फीसद कम वोट पड़े हैं।

अब 2024 में कुल करीब 60 फीसद वोटिंग होने से इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है, क्योंकि हमेशा कम वोटिंग बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बनी है।

कम वोटिंग बीजेपी के लिए खतरनाक

राजनीतिक विश्लेषक हरी शंकर जोशी का तर्क है कि कम वोटिंग बीजेपी को परेशान करने वाली हो सकती है। साथ ही वह कहते हैं कि भले की इस बार सियासी दलों की दोस्ती 2019 के जुदा हो, लेकिन जब बात पक्ष और विपक्ष की होगी, तब विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती यह होगी कि क्या इन आठ सीटों में से वह अपनी जीती पांच सीट इस बार बचा पाएगा।

जोशी कहते है कि इस बार वेस्ट यूपी में बीजेपी से राजपूत समाज और त्यागी समाज खपा रहा। इसका नुकसान भी होता दिख रहा है, लेकिन बीएसपी कैंडिडेट चयन भी सत्ताधारी दल को कई जगह नुकसान पहुंचा सकता है।

बीजेपी ने सभी आठों सीटें जीतने का किया दावा

बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा और बीजेपी शिक्षण संस्थान के जिला संयोजक शाह फैसल का दावा है कि 2019 और 2024 के चुनाव में पार्टी के सामने कुछ चुनौती आई जरूर, साथ ही वोटिंग भी कम हुआ, लेकिन इतना तय है कि चुनाव रुख साफ संदेश दे रहा है कि पहले फेज की सभी आठ सीटें बीजेपी जीत रही है। राजपूत और त्यागी समाज की नाराजगी वोटिंग से पहले समाप्त हो गई थी।

सपा का दावा पहले चरण में बीजेपी का सूपड़ा साफ

सपा के प्रदेश सचिव एवं पूर्व मंत्री राजपाल सिंह, समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय महासचिव बाबर चौहान खरदौनी का कहना है कि बीजेपी का पहला चरण फ्लॉप शो साबित हुआ है। हर वर्ग ने नाराजगी दिखाई। बीजेपी सरकार के जनविरोधी और उत्पीड़नात्मक रवैये के खिलाफ वोट किया। कम वोटिंग इसका प्रमाण है। इससे बीजेपी को वेस्ट यूपी के पहले चरण ही नहीं 26 अप्रैल को आठ सीटों पर होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ेगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."