आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा। प्रशासनिक लचर ब्यवस्था का फायदा उठा खनन माफियाओं के हौसले हुये बुलंद! निरंकुश ठेकेदार द्वारा जबरिया कब्जा कर निकाले जा रहे ओवरलोड ट्रक। विरोध करने पर भूमि स्वामी को मिल रही सरेआम धमकी।शारीरिक विकलांगता का फायदा उठा जबरिया कराये स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर। न्याय पाने की आस में जिलाधिकारी की शरण पहुंचा रामप्रसाद।
पूरा मामला बांदा जनपद की कनवारा खदान खण्ड-5 का है। यहाँ पर बालू खनन ठेकेदार द्वारा ग्रामीणों के खेतों पर दबंगई के साथ जबरिया कब्जा करने का आरोप लगाया गया है। इसकी लिखित शिकायत पीड़ित द्वारा जिले की कमान संम्भाले जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल से की गयी है। यहाँ के निवासी रामप्रसाद पुत्र गोपीनाथ ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायती पत्र देते हुये बताया कि मैं और मेरे दो बेटे पूर्ण रुप से शारीरिक बिकलांग हैं। मैं स्वयं चलने फिरने में असमर्थ हूँ तथा मेरी आंखों में भी कम दिखाई देता है। मेरे गाँव में ही केन नदी के पास ही बांगर भूमिधरी जमीन है जिसका गाटा सं० 2246 है। यहाँ पर ठेकेदार द्वारा गाँव के ही एक ब्यक्ति के पट्टे की जमीन पर खनन करवा रहे ठेकेदार ने दबंगई के साथ मेरी उक्त भूमिधरी बांगर जमीन पर जबरिया रास्ता बनाकर दिन रात ओवरलोड ट्रकों की निकासी करने पर अमादा है। प्रार्थी ने जब विरोध किया तो एक दिन मेरी विकलांग कमजोर आंखों का फायदा उठा कर मुझे धमकाते हुये जबरदस्ती एक कागज पर मुझसे हस्ताक्षर करवा लिये। मुझे तो तब पता चला जब मेरे उक्त भूमिधरी खेत से रास्ता बनाते हुये ट्रक का आवागमन कराया जाने लगा जिसके लिये मेरे द्वारा मना करने पर उक्त दबंग आयेदिन मुझे धमकाता है और बिना मेरी सहमति के अवैध कब्जा करलिया है जिससे मैं ना मेरा परिवार भुखमरी की कगार पर खड़ा है।
Author: samachar
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