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November 2, 2024 2:56 pm

दीपावली के बाद सस्ती बिजली का तोहफा देने जा रही है सरकार , जानिए नई बिजली की दरें 

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

लखनऊ: दीपावली से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का तोहफा मिल सकता है। पावर कॉरपोरेशन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में 18 पैसे से 69 प्रति यूनिट तक बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव दिया है। ये प्रस्ताव फ्यूल सरचार्ज में कमी के कारण दिया गया है। अगर राज्य विद्युत नियामक आयोग प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को तीन महीने के लिए बिजली दरों में 18 पैसे से 69 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी हो सकती है।

फ्यूल सरचार्ज के आधार पर हर तीन महीने में कमी या बढ़ोतरी का नया प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाता है। पावर कॉरपोरेशन द्वारा दिए गए प्रस्ताव में शहरी बिजली उपभोक्ताओं की दरों में 26 पैसे से 34 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी का प्रस्ताव दिया गया है।

इसी तरह कमर्शल उपभोक्ताओं की दरों में 34 से 48 पैसे प्रति यूनिट की कमी का प्रस्ताव दिया गया है। सबसे अधिक कमी नॉन इंडस्ट्रियल बल्क लोड में होगी। इसमें 46 पैसे से 69 पैसे प्रति यूनिट की कमी का प्रस्ताव दिया गया है।

‘जल्द की जाए कमी’

पावर कॉरपोरेशन द्वारा फ्यूल सरचार्ज में कमी का प्रस्ताव दिए जाने के बाद बुधवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा जल्द कमी किए जाने की मांग उठाई है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने बुधवार को नियामक आयोग चेयरमैन अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात की।

खरीद में बचत का उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

अप्रैल, मई और जून तिमाही के दौरान पावर कॉरपोरेशन को 30,108 मिलियन यूनिट बिजली की खरीद करनी थी। लेकिन इस दौरान पावर कॉरपोरेशन ने 29,858 मिलियन यूनिट ही बिजली खरीदी, जिससे पावर कॉरपोरेशन को पहली तिमाही के दौरान करीब 1,055 करोड़ की बचत हुई है। इसी बचत के आधार पर कॉरपोरेशन ने फ्यूल सरचार्ज में कमी का प्रस्ताव भेजा है।

किस श्रेणी में कितनी हो सकती है कमी

श्रेणी प्रस्तावित ईंधन अधिभार कमी

घरेलू बीपीएल-18 पैसे/यूनिट

घरेलू सामान्य-26 से 34 पैसे/यूनिट

कमर्शल-34 से 48 पैसे/यूनिट

किसान-13 से 30 पैसे/यूनिट

नान इंडस्ट्रील बल्कलोड-46 से 69 पैसे/यूनिट

भारी उद्योग-33 से 38 पैसे/यूनिट

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."