Explore

Search
Close this search box.

Search

19 January 2025 12:41 am

लेटेस्ट न्यूज़

अपनी ससुराल में आज भी जिंदा है रावण जहां बिना शराब पिए खड़ा नहीं होता रावण का पुतला

38 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

मेरठ: मेरठ (Meerut Dussehra) के भैंसाली मैदान में राम लीला का भव्य आयोजन किया जाता है इसी मैदान में रावण का पुतला खड़ा करने से पहले मदिरा और लडडू का भोग लगा कर पहले पूजा की जाती है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो पुतला खड़ा नही हो पाता। इसलिए स्थानीय जनता कहती है कि रावण आज भी जिंदा है।

मेरठ की सदर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग ने बताया कि वर्षों से रामलीला कमेटी मेरठ छावनी रामलीला का आयोजन करती आ रही है। दशहरे वाले दिन रावण के पुतले को खड़ा करने से पहले मदिरा का भोग लगाया जाता है। अगर ऐसा नहीं करते है तो पुतला खड़ा नही हो पाता।

वहीं महामंत्री गणेश अग्रवाल ने बताया की पांच साल पहले बगैर मदिरा के भोग लगाए रावण के पुतले को खड़ा करने को कोशिश की लेकिन कई घंटे व्यतीत होने के बाद भी पुतला खड़ा नही हो पाया। आखिर में मदिरा का भोग लगाकर पूजा की, माफी मांगी, तब जाकर पुतला मिनटों में खड़ा हो गया। इसी बात से अहसास होता है कि रावण मरा नहीं आज भी जिंदा है ।

रावण का मेरठ से क्या है फरिश्ता ?  

मेरठ को रावण की ससुराल कहा जाता है। बताया जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मेरठ की ही रहने वाली थी। मेरठ पहले मय दानव का राज्य था और मयराष्ट्र के नाम से जाना जाता था। उसके बाद मेरु और अब मेरठ के नाम से जाना जाता है। ये बातें इतिहास के पन्‍नों में भी दर्ज है। इसलिए भैंसाली मैदान के सामने विलेश्वर नाथ मंदिर है जहा मंदोदरी पूजा करने जाती थी। वह मंदिर आज भी उसी हालत में मौजूद है। पुरातत्व विभाग ने अपना बोर्ड लगा रखा है ।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़