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15 January 2025 2:18 pm

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शौचालय विहीन स्कूल और आचारसंहिता का उलघन ; कौन जिम्मेदार

37 पाठकों ने अब तक पढा

अमित खुटें की रिपोर्ट 

बिलासपुर, मस्तूरी l  एक ऐसा स्कूल यहां पर बच्चों को अपना स्कूल के साथ डेडमास्टर साहब और अन्य शिक्षकों का नाम तक पता नहीं है। साथ ही यहां पर संसाधनों की भी कमी है इसके अलावा अचार संहिता का खुले आम स्कूलों में धज्जियां उड़ाई जा रही है’ l

स्कूल के कमरा में दीवार लेखन में विगत दस वर्षो से पूर्व मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री का नाम लिखा है जिसे अब तक मिटाना चाहिए था इसे जिम्मेदार अधिकारी भूल गए हैं l 

पूरा मामला मस्तूरी विकास खंड के प्राथमिक शाला हिररी का है’ l सरकारी स्कूलों में कहीं शिक्षकों की कमी है तो कहीं कक्षाओं का अभाव। सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी स्कूलों में गुणवत्ता शिक्षा बच्चों को नहीं मिल रही है। तीसरी से पांचवी कक्षा के कई बच्चो को सही तरीके से पहाड़ा हो या सामान्य जानकारी भी नहीं बता पा रहे है । ऐसे में उज्जवल भविष्य की परिकल्पना कैसे संभव है ?

कई सवाल पूछे गए लेकिन कुछ का ही जवाब संतोषजनक मिला।  स्कूलों का हाल ही में लाखो रुपए खर्च कर मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है इसके साथ कमरो में टाइल्स भी लगा हुआ है लेकिन नही स्कूल के प्रधान पाठक को शौचालय बनवाने के लिए कोई तत्पर नही दिखा विगत एक वर्षो से शौचालय अधूरा पड़ा है और बच्चे खुले में शौच जाए भले ही बच्चों को विद्यालय में शौचालय निर्माण एवं स्वच्छता के साथ-साथ खुले में शौच से होने वाली बीमारियों और उसके दुष्परिणाम की जानकारी दी जाती होगी । ऐसे में स्वच्छता अभियान की बात बेमानी लगती है। जबकि स्वच्छता अभियान को लेकर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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