संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। विद्यालयों को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम व सचिव की मिलीभगत से कायाकल्प योजना में खूब मनमानी की जा रही है जिसके चलते परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहाल सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं l
ऐसा ही कुछ मामला सामने को मिला है उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐचवारा का l
मानिकपुर विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ऐचवारा में कायाकल्प योजना के तहत कराए गए कार्यों में खूब धांधली देखने को मिली है जिसके कारण विद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नज़र आ रहे हैं l
ग्राम पंचायत ऐचवारा के उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थित बहुत ही दयनीय नज़र आ रही है जहां पर शौचालय ध्वस्त होने के चलते नौनिहाल छात्र छात्राओं को शौच क्रिया के लिए खुले मैदान में जाना पड़ रहा है लेकिन इस मामले में न तो ग्राम प्रधान व सचिव कोई ध्यान दे रहे हैं और न ही ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है l
योगी सरकार 2.0में परिषदीय विद्यालयों को स्वच्छ एवं सुन्दर व हर सुविधा युक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के चलते आज भी परिषदीय विद्यालयों का मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया है जिसके कारण नौनिहाल बच्चों को सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है l
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चित्रकूट. कायाकल्प योजना की पोल खोलता उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐचवारा,विद्यालय में ध्वस्त पड़े शौचालय,खुले में शौच क्रिया जाने को मजबूर नौनिहाल, ज़िम्मेदार भी नहीं दे रहे ध्यान,कार्यवाही कब…? pic.twitter.com/ykkAkPxSS3— संजय सिंह राणा (@sanjayRana01) September 21, 2023
परिषदीय विद्यालयों की दयनीय स्थिति पर न तो खण्ड विकास अधिकारी कोई ध्यान दे रहे हैं और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी व ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी कोई ध्यान दे रहे हैं जिसके कारण विद्यालयों में कायाकल्प योजना के नाम पर कागज़ी कोरम पूरा कर गुमराह करने का काम किया जा रहा है l
सवाल यह भी उठता है कि एक तरफ़ जहां सरकार परिषदीय विद्यालयों को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए कायाकल्प योजना के तहत विकास कार्य करवा रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से कायाकल्प योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है l
अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन मामले को संज्ञान में लेते हुए कायाकल्प योजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा या फ़िर ग्राम प्रधान व सचिव अपनी मनमानी करते हुए ऐसे ही विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करते रहेंगे यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."