दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर देहात: कानपुर देहात (Kanpur Dehat News) जिले के अकबरपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि सात साल के लडके ने पड़ोस में रहने वाली पांच साल की लड़की के साथ रेप किया। आरोपी लड़के पर रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। इस घटना में कानूनी पेच ये है कि सात साल से कम उम्र के बच्चे पर कोई अपराध नहीं बनता है। इसी वजह से बच्चे को फिलहाल बाल सुधार गृह भी नहीं भेजा जाएगा। हालांकि पुलिस पूरी विवेचना करेगी। अब प्रोबेशन विभाग बच्चे की काउंसलिंग करके उसकी मनोस्थिति को समझने के साथ सुधार का प्रयास करेगा।
कानपुर देहात के अकबरपुर में एक ऐसी घटना सामने आई है जहां सब हैरान हैं। कानून भी इस घटना में कोई सजा की अनुमति नहीं देता है। एक गांव के रहने वाले विकलांग दंपति के सात वर्षीय बेटे ने पड़ोसी के पांच साल की बेटी को घर ले जाकर रेप किया। घटना के बारे में बताया कि 17 सितंबर की शाम मोहल्ले के बच्चे रोज की तरह खेल रहे थे। तभी अंधेरा होने के बाद 7 वर्षीय लड़का पड़ोसी 5 वर्षीय लड़की को साथ लेकर घर चला गया। काफी देर बाद लड़की रोते हुए घर पहुंची। परिजनों ने उससे पूछा तो घटना की जानकारी हुई।
गांव में कोई नहीं कर रहा था विश्वास
इस रेप की घटना की चर्चा जब गांव में हुई तो कोई यकीन नहीं कर रहा था। लड़की के माता-पिता ने लड़का के घर जाकर पूरी घटना बताने के साथ उसे डांट लगाई। इधर लड़के की मां नाराज होकर पीड़िता की मां से लड़ने लगी। इससे बात और बढ़ गई। पीड़िता की मां ने बताया कि आरोपी बच्चा भी छोटा है इसलिए कोई कार्रवाई नहीं चाहती थी, लेकिन बच्चे के माता-पिता ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया बच्चे को डांटने-समझाने के बजाय उल्टा मुझसे ही उलझने लगे। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
लड़की की मां की तहरीर पर आरोपी लड़के के विरुद्ध रेप की रिपोर्ट दर्ज की गई। महिला सब इंस्पेक्टर मोनू शाक्य और अन्य महिला पुलिस कर्मियों ने लड़के और लड़की से अलग-अलग बात कर घटना की सच्चाई जानने की कोशिश की। इसके बाद दोनों को मेडिकल के लिए भेजा गया।
पुलिसकर्मी से लेकर डॉक्टर तक हैरान
रेप की घटना में रिपोर्ट दर्ज कराने से लेकर मेडिकल तक की कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मी और डॉक्टर सभी हैरान दिखे। पुलिस कर्मियों ने कहा कि इतनी कम उम्र के रेप के आरोपी और पीड़िता का मामला पहली बार सामने आया है। मेडिकल करने वाले डॉक्टर भी कह रहे थे वह अपनी नौकरी में ऐसा पहला मेडिकल कर रहे हैं। वहीं गांव में भी ये घटना चर्चा का विषय बनी है। वरिष्ठ अधिवक्ता पवनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि सात साल से कम उम्र के बच्चे को मुकदमे में आरोपी तो बनाया जा सकता है लेकिन उस कोर्ट कोई सजा नहीं दे सकती है। पुलिस ऐसे मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर सकती है। इसके बाद भी कोई सजा का प्रावधान नहीं है बल्कि बच्चे के सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे।
बच्चे को पता चला तो हो गया फरार
रेप के आरोपी बच्चे को लोगों ने डांटा तो वह सहम गया। लोगों ने कहा कि अभी पुलिस पकड़कर ले जाएगी। इसके बाद वह डर कर चुपके से गांव के बाहर जंगल की तरफ भाग गया। काफी देर तक वह ढूंढे नहीं मिला। कई घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस और परिजन जंगल से उसे ढूंढ कर लाए। लोगों ने फिर से उसे समझाया। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस भी समझ नहीं पा रही थी आखिर क्या करें।
बच्चे की कराई जाएगी काउंसलिंग
सीओ अरूण कुमार सिंह ने बताया कि अब तक की नौकरी में इस तरह का पहला मामला सामने आया है। दोनों बहुत कमउम्र के बच्चे हैं। आरोपी सात साल से कम उम्र का है इसलिए उस पर कोई अपराध नहीं बनता है। कानूनन उसे कोई सजा नहीं दी जा सकती है। पुलिस नियमानुसार विवेचना पूरी करेगी। प्रोबेशन विभाग ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करके सही रास्ते पर लाने का प्रयास करता है। आरोपी बच्चे की काउंसलिंग कराई जाएगी। ताकि भविष्य में वह इस तरह के अपराध न करे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."