Explore

Search

November 1, 2024 10:09 pm

पहले आंखों पर पट्टी बांधकर घसीटा फिर सिर में मार दी गोली

1 Views

ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

आगरा: आगरा (Agra) में एक बीएड छात्र के सिर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है। पहले उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर घसीटा गया। उसके बाद गला दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन तब भी उसकी जान नहीं गई तो उसके सिर में गोली मार दी। खून से लथपथ छात्र लाइब्रेरी से दूर मिला था। परिजनों से अस्पताल लेकर गए जहां इलाज के दौरान बुधवार रात उसकी मौत हो गई। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी मची हुई है। परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। परिजनों ने बताया कि बीएससी के बाद छात्र बीएड कर रहा था।

थाना बाह बिजौली गांव के रहने वाले अभिषेक 22 वर्ष पुत्र डोरी लाल कस्बे की एआर लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए जाता था। पिता डोरीलाल ने बताया कि सोमवार रात को 10 बजे एक ग्रामीण का फोन आया कि अभिषेक लाइब्रेरी से 500 मीटर दूर एक खेत के रास्ते पर पड़ा है। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए। अभिषेक के शहर से खून निकल रहा था। गले पर फंदे का निशान था। उसे थाने ले गए। पुलिस उसे सीएससी ले गई। इसके बाद उसे जिला अस्पताल भर्ती कराया। इसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल में ले गए। एक्सरे में सिर में गोली लगी होने की पुष्टि हुई। ऑपरेशन के बाद गोली निकाल ली गई। मगर बुधवार रात करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई। 

थाना बाह के प्रभारी निरीक्षक कुलदीप दीक्षित ने बताया कि अभिषेक के सिर में गोली लगी थी। मृतक के भाई नितिन ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। परिजनों ने चार युवकों पर हत्या का आरोप लगाया है। जांच की जा रही है।

पहले गला दबाया फिर गोली मारी

अभिषेक के भाई नितिन ने बताया कि अभिषेक को लाइब्रेरी से बाहर ले जाया गया था। वहां उसे नशीला कोल्ड ड्रिंक पिलाकर बेहोश किया गया। उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर पहले उसका गला दबाया था। इसके बाद उसके सिर में गोली मार दी। होश में आने पर अभिषेक ने यह बात बताई थी। नितिन ने बताया की अभिषेक ने दो लोगों के नाम भी लिए थे। हाथों की उंगलियों से इशारा कर हमलावरों की संख्या 10 के करीब बताई थी। उसने कहा कि भाई की साजिशन हत्या की गई है। उसका अग्निवीर में सेलेक्शन हो गया था। पढ़ने में बहुत होनहार था। अभिषेक की मौत से परिवार में मातम पसरा हुआ है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."